Ranchi : भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि झारखंड में 31 मार्च 2021 तक 374 परियोजनाएं अधूरी थीं. इनपर 4669 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गये हैं. इन 374 परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 7613 करोड़ रुपये थी. मतलब आधी से भी ज्यादा राशि खर्च करने के बाद योजनाएं पूरी नहीं हुईं. 374 में से सिर्फ 47 परियोजनाओं की संशोधित लागत प्रदान की गई थी, जिससे पता चला कि 971.57 करोड़ की अनुमानित लागत की उन परियोजनाओं के पूरा न होने के कारण लागत 215.14 करोड़ तक बढ़ गई. सीएजी ने कहा है कि इन अधूरी परियोजनाओं से पूंजी अवरूद्ध हुई है.
अधूरी परियोजनाओं का वर्षवार विवरण
योजना पूर्ण होने की डेडलाइन अपूर्ण परियोजनाएं अनुमानित लागत खर्च (31.3 2021 तक)
2014 6 120 करोड़ 74 करोड़
2015 13 174 करोड़ 154 करोड़
2016 15 500 करोड़ 268 करोड़
2017 21 402 करोड़ 346 करोड़
2018 43 520 करोड़ 419 करोड़
2019 87 1842 करोड़ 1283 करोड़
2020 189 4055 करोड़ 2125 करोड़
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31 मार्च 2021 तक विभाग वार अधूरी परियोजनाएं
विभाग अपूर्ण योजनाएं अनुमानित खर्च
सड़क निर्माण विभाग 125 4793 करोड़ 2885 करोड़
ग्रामीण विकास विभाग 102 396 करोड़ 266 करोड़
जल संसाधन विभाग 84 1475 करोड़ 841 करोड़
पेयजल एवं स्वच्छता 42 689 करोड़ 598 करोड़
भवन निर्माण विभाग 21 7613 करोड़ 4669 करोड़
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