NewDelhi : केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद गुजरात की एजेंसियों को 350 फीसदी ज्यादा फंड मिला. यह CAG की रिपोर्ट कहती है. भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने कहा है कि केंद्र से गुजरात में विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों, निजी ट्रस्ट, शैक्षणिक संस्थान और व्यक्ति को सीधे हस्तांतरित धन की मात्रा 2015 के बाद से 350 प्रतिशत बढ़ गयी है. कहा कि यह राज्य के वार्षिक वित्त खातों में नजर नहीं आती है.
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खबर है कि मंगलवार को गुजरात विधानसभा में पेश राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट में, सीएजी ने कहा, एक अप्रैल 2014 से, भारत सरकार द्वारा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए सभी सहायता और राज्य सरकारों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता जारी करने का निर्णय लिया गया. कहा कि गुजरात में राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों को केंद्रीय धन का सीधे हस्तांतरण 2019-20 के दौरान भी जारी रहा. सीएजी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा सीधे हस्तांतरित धन की मात्रा 2019-20 में 350 प्रतिशत बढ़कर 11,659 करोड़ रुपये हो गयी, जो 2015-16 में 2,542 करोड़ रुपये थी.
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रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2019-20 के दौरान कैसे भारत सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की कंपनियों (837 करोड़ रुपये), निजी शैक्षणिक संस्थानों (17 करोड़ रुपये), ट्रस्टों (79 करोड़ रुपये), पंजीकृत समाज गैर सरकारी संगठनों (18.35 करोड़ रुपये) और व्यक्तियों (1.56 करोड़ रुपये) को सीधे बड़ी धनराशि दी गयी. कैग (CAG) ने पाया कि केंद्र सरकार सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए सीधे राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों को धन हस्तांतरित कर रही है. चूंकि इन निधियों को राज्य के बजट/राज्य कोषागार प्रणाली के माध्यम से नहीं भेजा गया था.
2019-20 के दौरान केंद्रीय धन का बड़ा हस्तांतरण हुआ
वार्षिक वित्त खातों में ऐसी निधियों के प्रवाह पर नियंत्रण नहीं किया गया था. इस प्रकार, उस हद तक, राज्य की प्राप्तियों और व्यय के साथ-साथ अन्य वित्तीय मामले और उनसे प्राप्त पैरामीटर पूरी तस्वीर पेश नहीं करते थे. कुछ योजनाओं में जहां 2019-20 के दौरान सीधे केंद्रीय धन का बड़ा हस्तांतरण हुआ, उनमें प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के हिस्से के रूप में हस्तांतरित 3,133 करोड़ रुपये शामिल हैं, जहां किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की न्यूनतम आय सहायता दी जाती है, और 1,667 करोड़ रुपये दिये जाते हैं.
मनरेगा योजना के लिए 593 करोड़ सीधे हस्तांतरित किये गये
गांधीनगर और अहमदाबाद के लिए मेट्रो-लिंक एक्सप्रेस, जिसे अब गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के रूप में जाना जाता है, जो राज्य और केंद्र सरकारों का 50:50 का संयुक्त उद्यम है जो अहमदाबाद और सूरत में मेट्रो परियोजनाओं को लागू कर रहा है. इस क्रम में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 593 करोड़ रुपये की धनराशि सीधे हस्तांतरित की गयी, जो एक वर्ष में ग्रामीण परिवारों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देती है. साथ ही सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के लिए 182 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री के मातृत्व लाभ कार्यक्रम मातृ वंदना योजना के लिए 97 करोड़ रुपये दिये गये. [wpse_comments_template]
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