रिर्पोट में खुलासा- चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों व पैरामेडिक्स की भारी कमी, कोविड-19 प्रबंधन के लिए 756.42 करोड़ राशि का उपयोग नहीं
पंजीकरण और सुविधाओं की कमी
रिपोर्ट में पाया गया है कि 220 कर्मकारों में से केवल 34 कर्मकारों को बोर्ड के साथ पंजीकृत पाया गया. शेष कर्मकार अपंजीकृत पाए गए और उन्हें बोर्ड द्वारा संचालित किसी भी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि कर्मकारों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. निर्माण स्थलों पर कर्मकारों को उचित सुरक्षा सामग्री नहीं मिल रही है, और न ही उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.सुरक्षा सामग्री की कमी
रिपोर्ट में पाया गया है कि झारखंड नियमावली के नियम 47 और 55 के अनुसार, नियोक्ताओं से यह अपेक्षा की गई थी कि कर्मकार निर्माण कार्य करते समय सुरक्षा जूते, जलरोधक जूते/कोट, हेलमेट, जैकेट आदि जैसे उपयुक्त सुरक्षा सामग्री पहनें. लेकिन लेखापरीक्षा दल ने पाया कि कर्मकारों को उचित सुरक्षा सामग्री नहीं मिल रही है.शौचालय और आवास की कमी
रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि निर्माण स्थलों पर शौचालय और आवास की कमी है. बीओसीडब्ल्यू अधिनियम की धारा 33 में प्रावधानित है कि प्रत्येक स्थान पर, जहां भवन या अन्य निर्माण कार्य किया जा रहा है, वहां पर नियोक्ता पर्याप्त शौचालय और मूत्रालय उपलब्ध करायेगा. लेकिन लेखापरीक्षा दल ने पाया कि दौरा किए गए किसी भी निर्माण स्थल पर शौचालय नहीं पाए गए.अस्थायी आवास की कमी
रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि निर्माण स्थलों पर अस्थायी आवास की कमी है. बीओसीडब्ल्यू अधिनियम की धारा 34 में प्रावधानित है कि नियोक्ता सभी निर्माण कर्मकारों को अस्थायी आवास निःशुल्क प्रदान करेगा. लेकिन लेखापरीक्षा दल ने पाया कि दौरा किए गए 24 स्थलों में से केवल चार स्थलों पर निर्माण कर्मकारों के लिए अस्थायी आवास पाए गए.यूएलबी और स्थानीय निकायों ने उपकर की राशि जमा नहीं की
झारखंड में उपकर संग्रहण में अनियमितताएं हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पांच शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) ने निर्माण गतिविधियों पर 24.18 करोड़ की राशि का उपकर संगृहीत किया था, लेकिन उन्होंने मार्च 2022 तक बोर्ड के खाते में राशि जमा नहीं की थी.स्थानीय निकायों ने उपकर की राशि अपने पास रखी
26 स्थानीय निकायों ने उनके द्वारा की गई निर्माण गतिविधियों पर 10.33 लाख की राशि का उपकर संगृहीत किया था, लेकिन उन्होंने मार्च 2022 तक राशि जमा नहीं की थी. उन्होंने कहा कि बोर्ड के बैंक खाते की जानकारी और विवरण के अभाव में राशि जमा नहीं की गई थी.बोर्ड ने उपकर संग्रहण के लिए तंत्र विकसित नहीं किया
बोर्ड ने उपकर संग्रहण प्राधिकारियों द्वारा संगृहीत उपकर का आवधिक अभिलेख और विवरणियां प्राप्त करने के लिए कोई तंत्र विकसित नहीं किया था. यह अनियमितताएं उपकर संग्रहण में कमियों को दर्शाती हैं.निर्माण स्थलों पर श्रमिकों के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं मुहैया कराई गई हैं और न ही उनका पंजीकरण किया गया है. राज्य सरकार ने बोर्ड को उपकर की राशि का अंतरण नहीं किया है. इसके अलावा, बोर्ड ने उपकर की राशि का संग्रहण करने वाले अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित नहीं किया है.राज्य सरकार ने 658.67 करोड़ की उपकर राशि बोर्ड को अंतरित नहीं की
झारखंड में उपकर संग्रहण में अनियमितताएं हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने ₹658.67 करोड़ की उपकर राशि बोर्ड को अंतरित नहीं की है, जो कि भवन और अन्य निर्माण कार्यों से संबंधित है.फैक्ट फाइल
- राज्य सरकार ने ₹658.67 करोड़ की उपकर राशि बोर्ड को अंतरित नहीं की. - पांच यूएलबी ने निर्माण गतिविधियों पर ₹24.18 करोड़ की राशि का उपकर संगृहीत किया, लेकिन उन्होंने मार्च 2022 तक बोर्ड के खाते में राशि जमा नहीं की. - 26 स्थानीय निकायों ने उनके द्वारा की गई निर्माण गतिविधियों पर 10.33 लाख की राशि का उपकर संगृहीत किया, लेकिन उन्होंने मार्च 2022 तक राशि जमा नहीं की. - बोर्ड ने उपकर संग्रहण प्राधिकारियों द्वारा संगृहीत उपकर का आवधिक अभिलेख और विवरणियां प्राप्त करने के लिए कोई तंत्र विकसित नहीं किया था. - निर्धारण अधिकारी ने उपकर की शेष राशि जमा करने के लिए संबंधित आवेदकों को नोटिस जारी किया, लेकिन बकाया राशि की वसूली अभी बाकी है. इसे भी पढ़ें -महाकुंभ">https://lagatar.in/mahakumbh-cm-yogi-had-lunch-with-cleaning-workers-announced-10-thousand-bonus-minimum-salary-to-16-thousand/">महाकुंभ: सीएम योगी ने सफाईकर्मियों के साथ भोजन किया, 10 हजार बोनस, न्यूनतम वेतन 16 हजार करने की घोषणा की