Bihar : बिहार की नीतीश सरकार 70,877.61 करोड़ की परियोजनाओं के लिए जारी की गई राशि के उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने में विफल रही. इस बात का खुलासा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ है, जिसे गुरुवार को बिहार विधानसभा में पेश किया गया था.
कैग रिपोर्ट के अनुसार, निर्धारित समयसीमा तक उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने की बाध्यता के बावजूद 31 मार्च 2024 तक महालेखाकार को 70,877.61 करोड़ के 49,649 बकाया उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुए. इसका अर्थ यह है कि इतनी बड़ी धनराशि के व्यय का कोई औपचारिक लेखा-जोखा अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया है.
STORY | Bihar failed to submit utilisation certificates of projects worth over Rs 70,000 crore: CAG
— Press Trust of India (@PTI_News) July 25, 2025
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पुराने कार्यों का हिसाब भी सरकार के पास नहीं
70,877 करोड़ रुपये की इस कुल राशि में से 14,452.38 करोड़ रुपये ऐसी योजनाओं से जुड़ी हैं, जो वर्ष 2016-17 या उससे पहले की हैं. यानी वर्षों पुराने कार्यों का हिसाब भी सरकार के पास नहीं है.
फंड के गबन और दुरुपयोग की आशंका
रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि जब तक प्रमाणपत्र नहीं मिलते, तब तक यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि यह राशि वांछित कार्यों पर ही खर्च हुई है. इससे सरकारी फंड के गबन, दुरुपयोग और अनियमितता की आशंका बनी रहती है.
किन विभागों की जवाबदेही सबसे अधिक
कैग रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज़्यादा लंबित उपयोगिता प्रमाणपत्र निम्नलिखित विभागों से हैं:
पंचायती राज विभाग : 28,154.10 करोड़
शिक्षा विभाग : 12,623.67 करोड़
शहरी विकास विभाग : 11,065.50 करोड़
ग्रामीण विकास विभाग : 7,800.48 करोड़
कृषि विभाग : 2,107.63 करोड़
बजट का भी उपयोग नहीं कर पाई सरकार
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 3.26 लाख करोड़ रुपये का बजट पारित किया था. लेकिन अब तक सिर्फ 2.60 लाख करोड़ रुपये (79.92%) ही खर्च की है. वहीं, सरकार ने अपनी कुल बचत 65,512.05 करोड़ में से सिर्फ 23,875.55 करोड़ (36.44%) ही केंद्र सरकार को लौटाई है.
राज्य की देनदारियों में भी इजाफा
रिपोर्ट यह भी बताती है कि राज्य की कुल देनदारियां पिछले वर्ष की तुलना में 12.34 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो वित्तीय प्रबंधन की चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है. कैग की यह रिपोर्ट न केवल वित्तीय लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि कई विभागों की जवाबदेही पर भी प्रश्नचिह्न खड़े करती हैं.
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