Kolkata : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज मंगलवार को आदेश जारी करते हुए बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख को शाम तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
West Bengal Govt moves SC against Calcutta High Court order directing CBI probe in Sandeshkhali matter. Senior Advocate Abhishek Manu Singhvi mentions the plea before the Supreme Court. SC asks the advocate to mention it before the registrar general of the top court. pic.twitter.com/VepmOdd0pd
— ANI (@ANI) March 5, 2024
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पहुंची
कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ आनन फानन में ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पहुंच गयी. ममता सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका का उल्लेख किया. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष इसका उल्लेख करने को कहा है.
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली छापेमारी करने गये ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से सीबीआई को सौंपने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने फैसला सुनाया है.
कोर्ट ने एसआईटी गठित करने के पूर्व के आदेश को रद्द कर दिया
इस क्रम में कोर्ट ने राज्य पुलिस के सदस्यों के साथ एसआईटी गठित करने के पूर्व के आदेश को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नजात पुलिस स्टेशन और बोनगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज तीनों मामलों को सीबीआई के हवाले कर दिये जायेंगे. ईडी की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कल सोमवार को दलील देने के क्रम में बंगाल पुलिस पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था.
ईडी की एफआईआर के बाद पुलिस ने जानबूझकर शेख को गिरफ्तार किया
एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि 5 जनवरी को संदेशखाली में लगभग 1,000 लोगों की भीड़ द्वारा अपने अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर ईडी की एफआईआर के बाद जानबूझकर शेख को गिरफ्तार किया गया. उनके खिलाफ 40 से अधिक दर्ज मामले वर्षों से लंबित हैं. इन मामलों में अभी तक बंगाल पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.