Kolkata : कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को कोविड की घातक लहर के बीच बंगाल में आठ-चरणों में चुनाव कराने के लिए फटकार लगाई है. हाईकोर्ट कोर्ट ने चिंता जताई है कि चुनावी रैलियां सुपर स्प्रेडर बन सकती हैं. अदालत ने कहा कि शक्तियां रहने के बावजूल आयोग इस संबंध में पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है, उधर प्रधानमंत्री मोदी ने आज शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की चुनावी यात्रा रद्द कर दी है. क्योंकि वह मौजूदा कोविड की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
चुनाव आयोग के पास शक्तियां हैं, लेकिन वह क्या कर रहा है?
अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग के पास शक्तियां हैं, लेकिन वह कोविड के समय में हो रहे बंगाल चुनावों के बारे में क्या कर रहा है? कहा कि चुनाव आयोग केवल सर्कुलकर जारी कर रहा है और इसे लोगों पर छोड़ दे रहा है. लेकिन चुनाव आयोग के पास चीजें लागू करने की शक्तियां हैं. यह टिप्पणी करते हुए कहा कि टीएन शेषन ने जो किया है , आयोग उसका दसवां हिस्सा भी नहीं कर रहा है. कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि आयोग ने कार्रवाई नहीं की, तो अदालत करेगी.
मालूम हो कि पिछले सालों में, कई ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का हवाला दिया है. शेषन ने आदर्श रूप से आदर्श आचार संहिता लागू की थी और 1990 के दशक में कई चुनावी सुधारों का नेतृत्व किया थाय कांग्रेस के राहुल गांधी ने 2019 में कहा था, क समय ऐसा था जब हमारे चुनाव आयुक्त निष्पक्ष, सम्मानित, बहादुर होते थे. टीएन शेषन उनमें से एक थे.
आयोग द्वारा लागू किये जा रहे सर्कुलर से अदालत संतुष्ट नहीं है
बता दें कि अदालत ने कोविड के नियमों को लागू करने और कल की सुनवाई के लिए इस मुद्दे पर एक हलफनामे पर चुनाव आयोग से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. इसमें कहा गया है कि आयोग के अधिकारियों द्वारा लागू किये जा रहे सर्कुलर से अदालत संतुष्ट नहीं है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणियां तीन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान आयी हैं, जो यह दावा करती हैं कि चुनाव आयोग के पास कोविड के दिशानिर्देशों को लागू करने की कोई संवैधानिक शक्ति नहीं हैं और इसलिए अदालत को इस ओर कदम उठाना चाहिए.
आयोग ने डेरेक ओ ब्रायन और धीर रंजन चौधरी की याचिका ठुकरा दी थी,
बता दें कि 24 घंटे पहले, आयोग ने टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी की याचिका ठुकरा दी था, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि चुनाव के शेष तीन चरणों को संक्रमण के मद्देनजर एक साथ आयोजित किया जाना चाहिए. बता दें कि आज भारत में कोरोना के 3.14 लाख नये मामले सामने आये हैं. 2,104 लोगों की मौत हुई है. देश में ऑक्सीजन, अस्पताल के बेड की कमी है. एंटी-वायरल दवा रेमेडिसविर भी नहीं मिल रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में कुल मामले अब 1 करोड़ 59 लाख हो गये हैं, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है. मौतों का आंकड़ा 1,84,657 पर पहुंच गया है. जान लें कि 15 अप्रैल से हर रोज 2 लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं.