LagatarDesk : वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में">https://www.canarabank.com/">
केनरा बैंक को तगड़ा मुनाफा हुआ है. मार्च तिमाही में केनरा बैंक को एकल आधार पर 1,010 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ है. 1 अप्रैल 2020 को सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय हुआ था. विलय के बाद एकल आधार पर वित्त वर्ष 2019-20 में 6,567 करोड़ का घाटा हुआ था. बैंक के ब्याज आय बढ़ने से लाभ हुआ है. इसके साथ ही फंसे कर्जों पर होने वाले नुकसान के प्रावधान में कमी होने से बैंक का प्रदर्शन अच्छा हुआ है.
मार्च तिमाही में शुद्ध ब्याज आय में भी हुई वृद्धि
वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 5589 करोड़ थी. जबकि मार्च 2020 में शुद्ध ब्याज आय 5,087 करोड़ था. मार्च 2020 में शुद्ध ब्याज अंतर (एनआईएम) 2.51 प्रतिशत था. जो मार्च 2021 में बढ़कर 2.75 फीसदी हो गया.
पिछले साल की तुलना में एनपीए 3511 करोड़ घटी
वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक का गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) 7939 करोड़ थी. जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 की मार्च तिमाही में कम होकर 4,428 करोड़ रहा. एक साल में करीब 3511 करोड़ की कमी आयी है. नियामक एजेंसी के मुताबिक, विलय से पहले केनरा बैंक को 2019-20 की चौथी तिमाही एकल आधार पर 3,259.33 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था. मार्च 2020 में केनरा बैंक को एकीकृत आधार पर 3,209.98 करोड़ का नुकसान हुआ था. जबकि मार्च 2021 की तिमाही में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 1,195.78 करोड़ रहा.
बैंक ने बैलेंस शीट मजबूत करने की कोशिश की
बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ एल वी प्रभाकर ने संवाददाताओं से कहा कि आक्रामक प्रावधानों का निर्माण करके बैलेंस शीट को मजबूत करने की कोशिश की गयी. साथ ही जरूरत पड़ने पर सभी जरूरी उपाय भी किये गये. काफी मेहनत के बाद केनरा बैंक ने अपना प्रदर्शन अच्छा किया.
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