Search

सरकार की नाकामियों का दस्तावेज है मेरिट लिस्ट का रद्द होना : रघुवर

  • नियोजन वर्ष में नियोजन पर आफत, JPSC गड़बड़ी की हो सीबीआई जांच

Ranchi: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि नियोजन वर्ष में नियोजन पर आफत हो गई है. झारखंड हाईकोर्ट द्वारा छठी जेपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम के बाद बनी लिस्ट को अवैध बताते हुए रद्द करने के निर्णय को राज्य की झामुमो-कांग्रेस सरकार की नाकामी का दस्तावेज और सरकार के नियुक्ति वर्ष (2021) की घोषणा की फजीहत हो गई है.

नियोजन नीति बनाने के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया

उन्होंने कहा कि खतियान के आधार पर नियोजन नीति बनाने का झूठा वादा कर चुनकर आयी झामुमो-कांग्रेस सरकार उनकी सरकार(पूर्ववर्ती सरकार) द्वारा आदिवासियों-मूलवासियों के लिए बनायी गयी हितकारी नियोजन नीति को नहीं बचा सकी. नयी नियोजन नीति बनाने के लिए भी कुछ नहीं किया. सरकार ने वर्ष 2021 में नियुक्ति वर्ष घोषित किया था, लेकिन सरकार के निक्कमेपन की वजह से कई नियुक्यिां खत्म होने जा रही हैं.

इसे भी पढ़ें - प्रतिबंध">https://lagatar.in/the-number-of-infections-has-decreased-in-9-districts-with-restrictions-the-government-can-give-relaxation-in-restrictions/84670/">प्रतिबंध

वाले 9 जिलों में घटा है संक्रमण का आंकड़ा, सरकार दे सकती है प्रतिबंधों में छूट

अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होने से कोर्ट ने बचा लिया

रघुवर दास ने कहा कि जानकारी के अनुसार पेपर-1, जो हिन्दी-अंग्रेजी का पत्र था, उसके अंक मेरिट के अंक में जोड़ दिए गए, जिससे झारखंड के हिन्दी भाषी/मूलवासी लोगों को नुकसान हुआ. कोर्ट ने सरकार की इस गलती को पकड़कर हिन्दी भाषी/मूलभाषी अभ्यर्थियों को अन्याय से बचा लिया. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा मेरिट लिस्ट की गड़बड़ियों को दूर कर नयी मेरिट लिस्ट बनाने का जो निर्देश दिया गया है, उसकी वजह से कई सफल अभ्यर्थी बाहर हो सकते हैं और कई नवनियुक्त अधिकारियों की नौकरी खत्म हो सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले की सीबीआई से जांच क्यों नहीं करवा लेती है, ताकि यह पता चले कि इन गड़बड़ियों के पीछे किसका फायदा निहित था.

[wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp