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alt="" width="600" height="400" /> इसके कारण हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में है और उनका समय नष्ट हो रहा है. माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और कोचिंग फीस का बोझ बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार आदिवासी-मूलवासी का बेटा होने की बात कर रही है, लेकिन झारखंड के निवासियों को नौकरी नहीं मिल रही है.जेपीएससी छात्र शशांक राज ने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी संस्था जेपीएससी है. लेकिन यहां अध्यक्ष पद पिछले सात महीनों से खाली पड़ा है. पढ़ाई-लिखाई के बाद नौकरी के जरिए भविष्य बनाने की उम्मीद थी. लेकिन लंबे समय से छात्रों का समय और पैसा बर्बाद हो रहा है. छात्र रोजगार की मांग कर रहे हैं और इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं.
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