का त्योहार मनाया. पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार भी विश्वासियों ने इसे कोरोना के बीच में मनाया. जहां पिछली बार इस त्योहार पर लॉकडाउन था वहीं इस वर्ष छूट होने पर लोग खुशी के साथ मिस्सा-आराधना में शामिल हुए. विश्वासियों ने गिरजाघरों और कब्रिस्तान में ईस्टर पर ईसा मसीह के फिर से जीवित होने की घटना का स्मरण किया. इसके साथ ही उन्होंने अपने मृत परिजनों को भी याद किया. ईसा मसीह की तरह ही उनके फिर से जीवित होने के लिए प्रार्थना किया. ईस्टर के साथ ही ईसाईयों का चालीस दिन का उपवास-प्रार्थना और दुख-भाग काल भी खत्म हो गया. मिस्सा-आराधना के दौरान सभी ने कोरोना से बचाव गरिजाघरों और कब्रिस्तानों में लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने की अपील की. [caption id="attachment_45456" align="aligncenter" width="1170"]
alt="Lagatar" width="1170" height="540" /> राजधानी रांची के चर्च में ईस्टर पर प्रार्थना करते मसीही[/caption]
रांची आर्चडायसिस गिरजाघरों में तो सीएनआई और जीईएल ने कब्रिस्तान में मनाया ईस्टर
ईस्टर">https://en.wikipedia.org/w/index.php?search=%E0%A4%88%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0&title=Special%3ASearch&profile=advanced&fulltext=1&advancedSearch-current=%7B%7D&ns0=1">ईस्टरसभी ईसाईयों के लिए वैसे तो ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की घटना का स्मरण कराता है. लेकिन रांची में मौजूद अलग-अलग विश्वास को मानने वाले विभिन्न ईसाई समुदाय इसे अलग-अलग रुप में मनाते है. रांची के सबसे बड़े चर्च संत मारिया गिरजाघर में आर्च डायसिस इस दिन पर गिरजाघरों को भव्य रुप से सजाते हैं. विश्वासी मोमबत्तियां जलाकर ईसा मसीह के फिर से जीवित होने की घटना को याद करते हैं. इसके साथ ही अपने मृत परिजनों को भी याद कर उनके लिए प्रार्थना करते हैं. दूसरी ओर जीईएल और सीएनआई विश्वासी इस दिन मुख्य प्रार्थना कब्रिस्तानों में करते हैं. जिस प्रकार यीशु फिर से जी उठे से उसी प्रकार वे अपने मृत परिजनों के भी जी उठले के लिए प्रार्थना करते हैं. [caption id="attachment_45457" align="aligncenter" width="1170"]
alt="Lagatar" width="1170" height="540" /> ईस्टर के अवसर पर संदेश देते हुए रांची आर्चडायसिस के सहायक बिशप थियोदोर मस्करेंहास[/caption]
पास्का विश्वास का पर्व है जो जीवन में आए हर परेशानी को दूर करता है
ईस्टर">https://en.wikipedia.org/w/index.php?search=%E0%A4%88%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0&title=Special%3ASearch&profile=advanced&fulltext=1&advancedSearch-current=%7B%7D&ns0=1">ईस्टरके अवसर पर संदेश देते हुए रांची आर्चडायसिस के सहायक बिशप थियोदोर मस्करेंहास ने कहा कि शनिवार की रात सबसे पवित्र और विजय की रात थी. रविवार या पास्का का दिन भी शुभ और पवित्र दिन है. क्योंकि आज के दिन प्रभु के पुनर्जीवन का दिन है. पास्का, विश्वास है जो हमारे जीवन में आए सारे डर को दूर करता है. हमें विश्वास है कि हमारे प्रभु पुनर्जीवित हुआ हैं और उसके साथ हम वहीं नये जीवन में भाग लेते हैं. ईश्वर से हम यही प्रार्थना करेंगे की वो हमें इस दुनिया में संभाले, स्वस्थ्य रखे ताकि हम हमेशा उसकी सेवा करते रहें. https://english.lagatar.in/chaibasa-two-naxalites-of-10-lakh-eminent-maharaja-pramanik-squad-arrested/45426/
https://english.lagatar.in/auto-drivers-demand-to-set-up-a-vaccination-camp/45440/
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