Ranchi : अरगोड़ा थाना क्षेत्र में 25 जुलाई 2016 को हुई डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष शनिग्रहि की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. इसी दौरान सीबीआई की शनिवार को अरगोड़ा चौक के पास स्थित घटनास्थल पर क्राइम सीन री-क्रिएट किया है. गौरतलब है कि रोड पर अंतरिक्ष की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी, लेकिन परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. घटना स्थल पर जाकर जांच कर रही सीबीआई की टीम के द्वारा क्राइम सीन री-क्रिएट करते हुए वीडियोग्राफी भी करायी गयी है. सड़क पर जांच के दौरान सीबीआई की टीम ने हर पहलू की जानकारी ली है.
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अंतरिक्ष की मौत की जांच को सीबीआई ने किया था टेकओवर
डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष शनिग्रहि की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले की जांच सीबीआइ ने पिछले साल फरवरी 2021 में टेकओवर किया था. सीबीआई पटना ने इस मामले में मृत अंतरिक्ष के पिता सुभाशीष शानिग्रही, चाचा देबाशीष शानिग्रही, देबाशीष की पत्नी झरना शानिग्रही, अंतरिक्ष के दादा सुजॉय शानिग्रही को आरोपी बनाया है. पुलिस की रिपोर्ट और मृतक की मां के आग्रह पर हाई कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद अब सीबीआइ जांच को लेकर रास्ता साफ हो गया था. अंतरिक्ष की मां और नाना के मुताबिक अंतरिक्ष की मां रूपाली व पिता सुभाशीष के बीच आपसी मतभेद था. दोनों अलग हो गए थे.अंतरिक्ष अपनी मां के साथ रहकर डीपीएस में पढ़ता था. वह इकलौता बेटा था.
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संपत्ति में हिस्सा न मिले, इसलिए उसकी गाड़ी में धक्का मारकर उसकी हत्या करवा दी
अंतरिक्ष की मां का आरोप था कि अंतरिक्ष पढ़ाई के लिए पिता से खर्च मांगता था, जिससे वे लोग नाराज रहते थे. संपत्ति में हिस्सा न मिले, इसलिए उसकी गाड़ी में धक्का मारकर उसकी हत्या करवा दी गई. तब पुलिस ने अंतरिक्ष की मौत को सड़क हादसा माना था.जबकि, घटना के बाद से ही लगातार मृतक की मां यह आरोप लगा रही है कि एक साजिश के तहत अंतरिक्ष को रास्ते से हटाया गया है.
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पूर्व में सीबीआइ कर चुकी थी जांच से इनकार
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने अंतरिक्ष की मौत मामले की जांच की थी. तत्कालीन सीआइडी के एडीजी अनुराग गुप्ता ने 20 अगस्त 2019 को पुलिस मुख्यालय से पत्राचार कर इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की थी. सीआइडी की अनुशंसा की समीक्षा के बाद राज्य सरकार ने सीबीआइ से जांच की अनुशंसा भी कर दी थी, लेकिन सीबीआइ ने जांच से इन्कार कर दिया था.
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एक दारोगा हो चुके थे निलंबित
अंतरिक्ष की मौत पर सवाल उठाने वाली पीडि़ता तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के जनता दरबार में भी पहुंच गई थी. उसने बताया था कि उसके बेटे की मौत के बाद पुलिस ने उनका बयान तक नहीं लिया. इस मामले को मुख्यमंत्री ने भी गंभीरता से लिया था और तब रांची के तत्कालीन एसएसपी को फटकार भी लगाई थी. अरगोड़ा के तत्कालीन दारोगा (कांड के अनुसंधानकर्ता) निलंबित किए गए थे. इसके बाद ही अनुसंधान की जिम्मेदारी सीआइडी को दी गई थी. सीआइडी के तत्कालीन एडीजी एमवी राव ने भी तत्कालीन अरगोड़ा थानेदार रतिभान सिंह को इसलिए फटकारा था कि उन्होंने मृतक की मां का बयान नहीं लिया था.
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