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BREAKING NEWS : झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच जारी रखने की मांग को लेकर सीबीआई पहुंची सुप्रीम कोर्ट

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  • झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच का आदेश दिया था.
  • विधानसभा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई जांच बंद कराने के लिए अपील दायर की थी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर 2024 को विधानसभा की याचिका को स्वीकार करते हुए अगले आदेश तक सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी थी.

Ranchi : सीबीआई (रांची) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच जारी रखने की अनुमति मांगी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर फिलहाल सुनवाई को कोई तिथि निर्धारित नहीं की है. इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच का आदेश दिया था. विधानसभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट द्वारा 23 अक्तूबर 2023 को दिये गये सीबीआई जांच के खिलाफ अपील दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर 2024 को विधानसभा की याचिका को स्वीकार करते हुए अगले आदेश तक सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद से विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच बंद है.

 

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका (IA) दायर की है. इसमें हाईकोर्ट द्वारा विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश पर लगायी गयी रोक को हटाने का अनुरोध किया गया है. सीबीआई की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि झारखंड विधानसभा में नियुक्ति और प्रोन्नति में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए राज्यपाल ने सात जुलाई 2014 को एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन आदेश दिया था. इस एस सदस्यी न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी.

 

एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने 30 बिंदुओं की जाँच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के कार्यकाल में हुई नियुक्ति के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता बरतने और इसमें घूस के लेनदेन का उल्लेख किया गया था. नियुक्तियों के दौरान हुई भ्रष्टाचार के मामले में एक CD भी न्यायिक आयोग के समक्ष पेश किया गया था. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने एक सदस्यीय जांच आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में कार्रवाई करने के बदले सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक दूसरे आयोग का गठन कर दिया.

 

विधानसभा में हुई नियुक्तियों के दौरान गड़बड़ी और दो-दो न्यायिक जांच आयोग के गठन के मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका के निपटाने के दौरान यह पाया था कि दूसरे आयोग का गठन सिर्फ पहले आयोग की जांच में मिली गलतियों पर पर्दा डालने के लिए किया गया था. हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका की सुनवाई के बाद 23 सितंबर 2023 को अपना फैसला सुनाते हुए सीबीआई को मामले की जांच का आदेश दिया था.

 

हाईकोर्ट द्वारा दिये गये इस आदेश के आलोक में सीबीआई ने विधानसभा में नियुक्ति के दौरान हुई गड़बड़ी की जांच के लिए PE दर्ज कर प्रारंभिक जांच शुरू की थी. विधानसभा ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. इसकी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी थी.

 

सीबीआई की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि विधानसभा में नियुक्तियों के दौरान भ्रष्टाचार और पद के दुरूपयोग के आरोप लगाये गये थे. हाईकोर्ट ने विधानसभा नियुक्ति घोटाले से जुड़ी दोनो न्यायिक आयोगों की रिपोर्ट और राज्यपाल द्वारा दिये गये निर्देश को ध्यान में रखते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया था. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह कहा है कि PE एक प्रारंभिक जांच है. इसमें पहले सिर्फ इत बात की जांच की जाती है कि नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के लगाये गये आरोप सही हैं या नहीं. 

 

PE जांच पर लगायी गयी रोक को हटाने से आगे की जांच के लिए तथ्यों के मिलने तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इसलिए अगर न्यायालय उचित समझे तो हाईकोर्ट के आदेश पर लगायी गयी रोक को हटाने का आदेश दे.

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