Pune : पुणे में आज ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि इस विशेष युद्ध का पूरा प्रारंभिक बिंदु पहलगाम आतंकी हमला था. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, यह जारी है. यह शत्रुता का एक अस्थायी विराम है. हमें अपनी चौकसी बनाये रखने की आवश्यकता है.
जनरल अनिल चौहान ने कहा कि जहां तक हवाई युद्ध का सवाल है, ऑपरेशन सिंदूर ने इतिहास रच दिया है. एक विरोधी के खिलाफ सफल ऑपरेशन किये गये. अगर आप सटीकता और आक्रामक इरादे के साथ अंदर जाकर लगातार ऑपरेशन करने में सक्षम हैं, तो लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. यह एक बड़ी उपलब्धि थी और हम उन हवाई रक्षा नेटवर्क को भेदने में सक्षम थे.
सीडीएस ने कहा कि हमारी तरफ से हम लंबे समय तक संघर्ष में नहीं पड़ना चाहते थे. हमने ऑपरेशन पराक्रम में अपना अनुभव देखा है. हम लगभग नौ महीने तक वहां रहे. इसमें बहुत अधिक खर्च होता है, सब कुछ बाधित होता है. हमने बालाकोट के बाद कुछ हद तक यह देखा था, वहां एक तैनाती थी जिसे हमने जुटाया था, इस विशेष मामले में, जो हुआ वह यह था कि इस जुटाव को पूरा करने से पहले, ऑपरेशन रोक दिया गया था.
उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तानी पक्ष का सवाल है, मैं दो अनुमान लगा सकता हूं. एक, वे बहुत लंबी दूरी पर तेजी से चीजें खो रहे थे और उन्होंने सोचा कि अगर यह कुछ और समय तक जारी रहा, तो वे और अधिक खोने की संभावना है. और इसलिए उन्होंने फोन उठाया.
पाकिस्तान पर हमलावर होते हुए सीडीएस ने कहा कि जहां तक हमारे विरोधी का सवाल है, उसने भारत को हजारों घाव देकर खून बहाने का फैसला किया है. 1965 में, जुल्फिकार अली भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए भारत के खिलाफ एक हजार साल के युद्ध की घोषणा की थी.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि जब मुझसे हमारे पक्ष में हुए नुकसान के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं हैं. परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं, ये महत्वपूर्ण है.
नुकसान के बारे में बात करना बहुत सही नहीं होगा. क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि मान लीजिए कि आप एक क्रिकेट टेस्ट मैच में जाते हैं, और आप एक पारी से हार जाते हैं, तो कितने विकेट, कितनी गेंदें और कितने खिलाड़ी हैं, इसका कोई सवाल ही नहीं है... तकनीकी मापदंडों के आधार पर हम यह विशेष डेटा निकालेंगे और आपके साथ साझा करेंगे. हम आपको बतायेंगे कि हमने कितने विमान नष्ट किये और हमने कितने रडार नष्ट किये.
उन्होंने कहा कि हम इसका एक मोटा आकलन करेंगे और जल्द ही इसके बारे में बतायेंगे. सीडीएस ने कहा, नियंत्रण रेखा पर जो कुछ हो रहा था, उसे छोड़कर यह पहला ऐसा संपर्क रहित युद्ध था, जो हमने लड़ा. यह गतिज और गैर-गतिज अभियानों का मिश्रण था. हमने 7 मई को जिस दिन सर्जिकल स्ट्राइक की थी, उसी दिन पाकिस्तान को इसकी जानकारी दे दी थी...जब पाकिस्तान की ओर से बयानबाजी हुई थी, तब हमने यह भी कहा था कि यदि पाकिस्तान हम पर हमला करता है, सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करता है, तो हम भी उन पर जवाबी हमला करेंगे, उन पर और कड़ा प्रहार करेंगे.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा, 10 मई को लगभग 1 बजे पाकिस्तान का उद्देश्य 48 घंटों में भारत को अपने घुटनों पर लाना था. कई हमले किये गये. उन्होंने इस संघर्ष को बढ़ा दिया, जिसमें हमने वास्तव में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. ऑपरेशन जो उन्होंने सोचा था कि 48 घंटे तक चलेगा, लगभग 8 घंटे में बंद हो गया और फिर उन्होंने टेलीफोन उठाया और कहा कि वे बात करना चाहते हैं.