NewDelhi : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि युद्ध की रणनीति में व्यापक बदलाव हो रहे हैं. और ये बदलाव टैक्टिस और डोमेन (जमीन-हवा, समुद्र, साइबर और स्पेस) टाइमफ्रेम, रणनीतियों को लेकर हो रहे हैं.
आधुनिक बदलाव अब युद्ध के वर्तमान प्लेटफॉर्म्स से हटकर लचीली, भ्रामक रणनीतियों की दिशा में जा रहे हैं. कहा कि तकनीक वॉरफेयर और वॉरफाइटिंग सिस्टम बदल रहा है.
सीडीएस सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में बोल रहे थे. वे भविष्य की चुनौतियों के लिए रक्षा नवाचार समाधान पर अपने विचार रख रहे थे. इस क्रम में उन्होंने कहा कि आज मानव रहित सिस्टम' के बढ़ते प्रचलन के कारण से युद्ध की आर्थिक और मानवीय लागत कम हो रही है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने शांगरी-ला डायलॉग में ऑपरेशन सिंदूर में हुए भारत के अनुभवों को साझा किया. इसे Non-contact युद्ध करार देते हुए इशारा किया कि भविष्य की लड़ाइयां किस तरह की हो सकती हैं.
यह किस दिशा में जा सकती है. सीडीएस चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि भारत ने राजनीतिक रूप से जो किया है, उसने आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने को लेकर एक नयी लक्ष्मण रेखा खींच दी है.
बता दें कि शांगरी-ला डायलॉग में पाकिस्तान सशस्त्र बलों के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा शामिल हुए हैं
जनरल चौहान ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भारत के विरोधियों को सबक लेना चाहिए कि भारत की सहनशीलता की एक सीमा है. हम दशकों से इस छद्म युद्ध का सामना कर रहे हैं. इसमें हमने बहुत से लोगों को खो दिया है. अब हम इसे खत्म करना चाहते हैं.
सीडीएस अनिल चौहान ने पाकिस्तान सहित दुनिया के सभी पावरफुल देशों के जनरलों के सामने तकनीक के असर की व्याख्या की. कहा कि आज डिसेप्शन वार फेयर का दौर है. युद्ध के मैदान में अब ड्रोन ने युद्ध का परिदृश्य बदल कर रख दिया है.
अब हमला कहीं भी, कभी भी सटीक निशाने के साथ किया जा सकता है. मानव रहित और ऑटोनॉमस सिस्टम की वजह से जल्द ही लड़ाइयां अब मैन और मशीन के बीच, और मशीन और मशीन के बीच होंगी. जंग का मैदान ऑटोनॉमस होता जा रहा है.
महत्व पूर्ण बात यह कि सीडीएस ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ऑपरेशनल समय का 15 प्रतिशत हिस्सा फर्जी बयानों का मुकाबला करने में खर्च करना पड़ा.
यानी आजकल हमें एक समर्पित सूचना युद्ध की आवश्यकता है. इस क्रम में कहा कि भारत की रणनीति ने तथ्य-आधारित संचार को प्राथमिकता दी, भले ही इसका मतलब धीमी प्रतिक्रिया हो.
उन्होंने कहा कि हम लगभग दो दशकों से इस छद्म युद्ध का सामना कर रहे हैं और हमने बहुत से लोगों को खो दिया है. हम इसे खत्म करना चाहते हैं.
शांगरी-ला डायलॉग में पाकिस्तान सशस्त्र बलों के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने कहा कि यदि अगली बार फिर से ऐसी स्थिति पैदा हुई तो शहरों को पहले निशाना बनाया जायेगा और बॉर्डर अप्रासंगिक हो जायेंगे.
एएनआई के अनुसार, सीडीएस अनिल चौहान ने रविवार को जर्मनी और सिंगापुर के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. जर्मनी के चीफ ऑफ डिफेंस जनरल कार्स्टन ब्रेउर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने और सैन्य सहयोग को बढ़ाने पर बातचीत हुई.