Ranchi : पुरुषोत्तम ठाकुर अनुकूल चंद्र का 135वां जन्म महोत्सव रांची सत्संग द्वारा कांके के बोरया में मनाया गया. कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शैलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जीवन का उद्देश्य होता है ईश्वर को प्राप्त करना. कोई अगर बीमार पड़ता है तो डॉक्टर के पास जाता है. उसी प्रकार मनुष्य जीवन में आए हैं, तो हमें लिविंग आइडियल भी चाहिए, जो ठाकुरजी थे. ठाकुर जी के अनुयायी रंजीत गुप्ता ने कहा कि सत्संग का अर्थ होता है सत्य और संघ. वर्तमान में रांची में सत्संग के तीन केंद्र हैं. पहला सत्संग विहार कांके, सत्संग केंद्र मंदिर सिदरौल, नामकुम एवं सत्संग ठाकुरबाड़ी लालपुर रांची में अवस्थित है.
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