Ranchi : कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी टीकाकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट अब सख्त तेवर अपना रहा है. केंद्र को कहा जा रहा है कि टीकाकरण नीति में केंद्र जमीन हकीकत को भी ध्यान रखा जाए. इसे लेकर सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने केंद्र सरकार पर वैक्सीनेशन की कालाबाजारी को वैधानिक मान्यता देने का आरोप लगाया है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि केंद्र सरकार जो वैक्सीन 150 रुपये में खरीदती है, उसे ही राज्यों को 600 और 400 में लेना पड़ता है. निजी हॉस्पिटलों को तो भी इससे भी अधिक रेट में लेना पड़ता है. मतलब साफ है कि एक देश एक बाजार की नीति करने वाले लोग ही आज कालाबाजारी को बढ़ावा दे रहे हैं. आखिर जब एक दवा की एमआरपी 150 रुपये के करीब है, तो क्यों राज्यों को अधिक रुपये देना पड़ रहा है. मतलब साफ है कि राज्य सरकार पैसा से कालाबाजारी कर रही है. उन्होंने कहा कि रेमडिसविर की कालाबाजारी पहले ही चर्चा में आ चुका है.
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1100 करोड़ का बोझ झारखंड को पड़ा है
JMM नेता ने कहा कि एक संघीय ढांचे अंतर्गत झारखंड पिछड़े राज्य में आता है. यहां खनिजों की तो प्रचुरता है, लेकिन संसाधनों के हिसाब से हम बहुत सीमित वाले राज्य की श्रेणी में आते हैं. सीएम ने एक बार पीएम को पत्र लिखकर कहा है कि पहले ही 18-44 सालों के लोगों पर वैक्सीन लगाने में 1100 करोड़ का बोझ झारखंड को पड़ा है. वहीं पिछले डेढ़ वर्षों से न तो राज्य को जीएसटी मिला है, न ही बकाया राशि. अब यदि आगामी दिन में कोरोना का तीसरा फेज आता है, तो यह करीब 1000 करोड़ और बोझ पड़ेगा.
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वैक्सीन को लेकर केंद्र ने बजटीय प्रावधान करीब 35,000 करोड़ का प्रावधान किया है
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि जो थोक में वैक्सीन खरीदेगा, उसे 150 रुपये में मिलेगा. हेमंत सरकार तो पहले ही कह रही है कि 5 करोड़ टीका चाहिए. लेकिन फिर भी कम रेट में वैक्सीन नहीं दी जा रही है. सुप्रियो ने कहा कि वैक्सीन को लेकर केंद्र ने बजटीय प्रावधान करीब 35,000 करोड़ का प्रावधान किया है. यदि केंद्र इस राशि का उपयोग कर 150 रुपये के हिसाब से राज्यों को वैक्सीन देती, तो 116 करोड़ लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी. अगर सुप्रियो ने कहा कि आज देश की स्थिति ऐसी है कि अगर कोई दूसरा देश भारत पर आक्रमण कर दें, तो केंद्र राज्यों को यह कहने में परहेज नहीं करेगा कि वे अपने राज्यों की सीमा आप खुद सुरक्षित करें. टैंक और हथियार व विमान आप खुद लाएं.