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चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय कर्मचारियों के नियम लागू,आम आदमी पार्टी अमित शाह पर भड़की

NewDelhi : गृह मंत्री अमित शाह द्वारा चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश के कर्मचारियों पर केंद्रीय कर्मचारियों के नियमों लागू करने के लिये गये फैसले पर रार मच गयी है. इस फैसले के बाद पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच ठन गयी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस फैसले के खिलाफ सड़क से संसद तक धरना देने की धमकी दी है. मान ने ट्वीट किया, केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशासन में अन्य राज्यों और सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इसे लागू कर रही है. CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब इसे स्वीकार नहीं करेगा. कहा कि हम पंजाब के जायज हक के लिए मजबूती से लड़ेंगे.  वहीं दिल्ली में आप के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि AAP को बढ़ता देखकर भाजपा डर रही है. पूर्व में गृहमंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ दौरे में घोषणा की थी कि अब चंडीगढ़ के 23 हजार कर्मचारियों पर सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू होंगे. इसका नोटिफिकेशन जल्द हो जायेगा. इसे भी पढ़ें : बंगाल">https://lagatar.in/bengal-tmc-mla-openly-threatened-bjps-fanatical-voters-should-not-go-to-vote-or-else/">बंगाल

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केंद्रीय सेवा नियम लागू करने की मांग 20-25 साल से लंबित थी

केंद्र के इस फैसले के बाद 1 अप्रैल से चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़कर 60 हो जायेगी. महिलाओं को बच्चों की देखभाल के लिए एक साल की जगह दो साल तक की छुट्टी मिलेंगी. चंडीगढ़ कर्मचारियों द्वारा केंद्रीय सेवा नियम लागू करने की मांग 20-25 साल से लंबित थी. नये केंद्रीय नियम लागू होने के बाद चंडीगढ़ में रहने वाले करीब 16 हजार कर्मचारियों को फायदा होगा. इसे भी पढ़ें : यूक्रेन">https://lagatar.in/news-of-chemical-attack-on-russian-billionaire-who-came-to-talk-about-peace-in-ukraine/">यूक्रेन

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पंजाब की सभी पार्टियां फैसले का विरोध कर रही है

बता दें कि पंजाब की अन्य पार्टियां भी इस फैसले का विरोध कर रही है. कांग्रेस के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि हम चंडीगढ़ के नियंत्रण पर पंजाब के अधिकारों को हड़पने के भाजपा के तानाशाही फैसले की कड़ी निंदा करते हैं. यह (चंडीगढ़) पंजाब का है और यह एकतरफा फैसला न केवल संघवाद पर सीधा हमला है बल्कि केन्द्र शासित पर पंजाब के 60 फीसदी नियंत्रण के हिस्से पर भी हमला है. इस क्रम में अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि केंद्र चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकारों को कम करना चाहता है.

  चंडीगढ़ में भाजपा अपनी जमीन मजबूत करने की कवायद में

पंजाब की राजनीतिक पार्टियां अमित शाह के फैसले को आने वाले लोकसभा चुनावों से जोड़कर देख रही हैं. चंडीगढ़ में भाजपा हमेशा से हो मजबूत स्थिति रही है. पंजाब विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा अपनी जमीन चंडीगढ़ में एक बार फिर से मजबूत करने की कवायद में है. पिछले साल हुए नगर निगम चुनावों में भाजपा को आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिली थी. आप ने सभी को चौकाते हुए सबसे ज्यादा 14 सीटें जीती थी. हालांकि एक वोट आप का रिजेक्ट होने के बाद मेयर चंडीगढ़ में भाजपा का ही बना. इसे भी पढ़ें : राजस्थान">https://lagatar.in/rajasthan-sariska-tiger-reserve-in-the-grip-of-wildfire-extinguishing-the-fire-army-helicopters-called/">राजस्थान

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फैसला किसी राज्य के हित के खिलाफ नहीं है

चंडीगढ़ के वरिष्ठ नेता सत्य पाल जैन ने कहा कि पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों के लिए विभिन्न वेतन आयोगों की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर रही थी, जबकि केंद्र ने एक बार में यूटी कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांग को स्वीकार कर लिया है. कहा कि जब वे पहले ही केंद्र के कर्मचारी हैं, तो घोषणा का पंजाब पर क्या प्रभाव पड़ता है? हम पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ इस मामले को उठा रहे थे. यह फैसला किसी राज्य के हित के खिलाफ नहीं है. [wpse_comments_template]

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