New Delhi : सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल के विस्तार को अवैध ठहराये जाने के कुछ दिन बाद केंद्र ने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की समीक्षा जारी रहने के मद्देनजर उन्हें 15 अक्टूबर तक पद पर बने रहने की अनुमति देने के लिए बुधवार को SC का रुख किया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ को बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 11 जुलाई के फैसले में संशोधन के लिए एक आवेदन दायर किया है. मेहता ने पीठ से कहा, इस मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है.
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11 जुलाई को तीन न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया था
हम इस आवेदन को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हैं. न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि 11 जुलाई को फैसला तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया था, जिसमें न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल भी शामिल थे और फिलहाल वे अलग-अलग पीठ का हिस्सा हैं. न्यायमूर्ति गवई ने मेहता से कहा, रजिस्ट्री को प्रधान न्यायाधीश से एक पीठ गठित करने का अनुरोध करने दें. सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस आवेदन पर 28 जुलाई (शुक्रवार) तक सुनवाई होनी चाहिए. इसके बाद पीठ ने गुरुवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे मामले पर सुनवाई के लिए सहमति जताई.
SC ने मिश्रा के कार्यकाल को तीसरा विस्तार दिये जाने को अवैध कहा था
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को दिये अपने आदेश में श्री मिश्रा के कार्यकाल को तीसरा विस्तार दिये जाने को अवैध ठहराया था और उनके विस्तारित कार्यकाल को घटाकर 31 जुलाई कर दिया था. न्यायमूर्ति गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा था कि इस साल एफएटीएफ द्वारा जारी समीक्षा के मद्देनजर और पद पर नयी बहाली को सुचारु बनाने के लिए मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक रहेगा. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 1984 बैच के अधिकारी मिश्रा को 18 नवंबर, 2023 तक पद पर बने रहना था. [wpse_comments_template]
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