NewDelhi : वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार( केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय) द्वारा आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किये जाने की खबर है. जानकारी के अनुसार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कानून का बचाव करते हुए इसे सही ठहराया है. हलफनामे में अदालत में दायर याचिकाओं में लगाये गये सभी आरोपों को नकारा गया है. सरकार ने कहा है कि वक्फ कानून 2025 से किसी भी तरह के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता. कहा कि कोर्ट वक्फ मामले पर अंतरिम रोक न लगाते हुए पूरी सुनवाई कर अंत में कोई फैसला ले. सरकार ने कहा कि अदालत किसी प्रावधान पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोक न लगाये सरकार ने कहा कि पिछले 100 साल से वक्फ बाई यूजर को केवल पंजीकरण के आधार पर मान्यता दी जाती रही है मौखिक रूप से नहीं. केंद्र सरकार के हलफनामे के अनुसार वक्फ धार्मिक(मुसलमानों की)संस्था नहीं है. यह वैधानिक निकाय है. वक्फ संशोधन कानून के अनुसार मुतवल्ली का काम धर्मनिरपेक्ष होता है, धार्मिक नहीं. कहा कि वक्फ का हिन्दू धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन से तुलना या समानता किया जाना निराधार है. सरकार ने कहा है कि वक्फ कानून चुने गए जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को दर्शाता है. संसद में बहुमत से इसे पारित किया है. वक्फ कानून की बात करें तो इस बिल को पारित करने से पूर्व संयुक्त संसदीय समिति ने 36 बैठकें की थी. 97 लाख से ज्यादा हितधारकों ने सुझाव और ज्ञापन संसदीय समिति को सौंपे थे. समिति ने देश के दस बड़े शहरों का दौरा किया था और लोगों के विचारों से अवगत हुए थे. इसे भी पढ़ें : राहुल">https://lagatar.in/rahul-gandhi-reached-kashmir-will-meet-people-injured-in-terrorist-attack/">राहुल
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Waqf कानून पर केंद्र सरकार का SC में हलफनामा, वक्फ धार्मिक संस्था नहीं

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