- महिला अधिवक्ताओं ने सरकार से सर्वाइकल कैंसर से बचाव की अपील की
- मुफ्त टीकाकरण और वृहद जागरूकता अभियान चलाने की वकालत भी की
Shruti Singh
Ranchi : सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाली गंभीर बीमारी है. वैक्सीनेशन इससे बचाव का सबसे कारगर तरीका है. बाजार में इसकी वैक्सीन की कीमत काफी अधिक है. झारखंड में इसके नि:शुल्क टीकाकरण की कोई व्यवस्था नहीं है. इसकी वैक्सीन महंगी होने के कारण गरीब महिलाओं और युवतियों की पहुंच से यह काफी दूर है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव मुश्किल हो जाता है. रांची की महिला अधिवक्ताओं का मानना है कि झारखंड सरकार को सर्वाइकल कैंसर से प्रदेश की महिलाओं के बचाव के लिए नि:शुल्क वैक्सीनेशन की व्यवस्था कराए. साथ ही बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाए ताकि इस बीमारी से महिलाओं का बचाव सुनिश्चित किया जा सके.
महिला अधिवक्ताओं की राय
घर से हो जागरूकता की शुरुआत : स्नेह सिंह
झारखंड हाईकोर्ट की अधिवक्ता स्नेह सिंह कहती हैं कि किसी भी अच्छी चीज की शुरुआत हमें अपने घर से करनी चाहिए. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाली एक आम बीमारी है जिससे बचाव की पहल भी हमें अपने घर से करनी होगी. इसके बारे में बात करनी होगी ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके. क्योंकि जागरूकता के अभाव में सर्वाइकल कैंसर का इलाज समय पर नहीं हो पाता. स्नेह जागरूकता के साथ ही इसके वैक्सीनेशन पर भी जोर देती हैं. वह कहती हैं कि वैक्सीनेशन के माध्यम से इस बीमारी से बचाव संभव है. चूंकि इसका टीका काफी महंगा है इसलिए सरकार को गरीब परिवार की महिलाओं और युवतियों को नि:शुल्क टीका उपलब्ध करवाना चाहिए. सिर्फ झारखंड ही नहीं सर्वाइकल कैंसर का टीका पूरे भारत में नि:शुल्क उपलब्ध होना चाहिए. सरकार को सर्वाइकल कैंसर, इसकी वैक्सीन और इलाज के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए.
गरीब लोग महंगी वैक्सीन नहीं लगवा सकते : ज्योति
रांची सिविल कोर्ट की अधिवक्ता ज्योति आनंद सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को महत्वपूर्ण बताती हैं. वह कहती हैं कि वैक्सीनेशन के माध्यम से इस बीमारी से बचा जा सकता है लेकिन इसकी कीमत इतनी ज्यादा है कि गरीब महिलाएं इसका खर्च वहन नहीं कर सकतीं. वह कहती हैं कि जागरूकता का अभाव और महंगी वैक्सीन के चलते इस बीमारी से बचाव संभव नहीं हो पा रहा है. सर्वाइकल कैंसर के बारे में सौ में से सिर्फ बीस लोग ही जानते हैं. बाकी इसे गुप्त रोग समझते हैं या फिर इस पर बात तक करने से कतराते हैं. हर दिन सर्वाइकल कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. लेकिन जागरूकता के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. वह कहती हैं कि गांव में रहने वाली महिलाओं और युवतियों के लिए खरीदकर इसका टीका लगवाना संभव नहीं है. सरकार को इसकी वैक्सीन फ्री करनी चाहिए. गरीब लोग इतनी महंगी वैक्सीन का खर्च वहन नहीं कर सकते. जो लोग पूरा दिन मेहनत-मजदूरी करके सिर्फ दो वक्त की रोटी का खर्च ही जुटा पाते हैं, वे इतनी महंगी वैक्सीन खरीदकर नहीं लगवा सकते.
छह राज्यों में मुफ्त है टीका, झारखंड में भी फ्री लगे
रांची हाई कोर्ट की एडवोकेट स्मिता पाठक ने कहा कि एशिया में सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं. भारत में यह बीमारी अब आम होती जा रही है. इसका मुख्य करण रहन-सहन या खान-पान है. बहुत हद तक महिलाओं द्वारा स्वच्छता का ख्याल न रखना भी इसका एक मुख्य कारण है. यह ज्यादातर 35 से 44 वर्ष की महिलाओं को अपनी चपेट में लेता है. इसके लिए बच्चों को किशोरावस्था से ही जागरूक करना जरूरी है. इस बीमारी का टीका भी लगता है. लेकिन इसकी कीमत आम लोगों के लिए काफी ज्यादा है. भारत के छह राज्यों में यह टीका नि:शुल्क उपलब्ध है लेकिन झारखंड में ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड गरीबी से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है. यहां की एक बड़ी आबादी गरीबी में जीवन यापन कर रही है. झारखंड की ज्यादातर महिलाए कामकाजी हैं. जो मेहनत-मजदूरी करके अपना घर खुद चलाती हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि प्रदेश सरकार भी नि:शुल्क वैक्सीन लगाए.
क्या है सर्वाइकल कैंसर
जब गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर शुरू होता है, तो उसे गर्भाशय ग्रीवा कैंसर या सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. इस कैंसर को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है.