Kiriburu : भगवान बिरसा स्मारक सेवा समिति, किरीबुरु-मेघाहातुबुरु ने सोमवार को हर्षोउल्लास के साथ बिरसा जयंती और झारखंड स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम का शुभारम्भ पारम्परिक तरीके से समाज के दिऊरी धनुर्जय लागुरी, पांडू कोन्गाडी और नाजीर सिंकू ने पूजा-अर्चना कर किया. इसके बाद किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, मेघाहातुबुरु के सीजीएम आरपी सेलबम, इन्स्पेक्टर वीरेन्द्र एक्का, थाना प्रभारी अशोक कुमार, टी चाकी, दुल्लू हेस्सा, सिद्धेश्वर बिरुवा, जेना मुंडा, बीरबल गुडि़या, बलभद्र बिरुली, सुमित्रा हेस्सा, शुभनाथ हेम्ब्रम, निलीमा लागुरी, महेश्वर लागुरी, सुनीता सिंकू आदि ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. मेघाहातुबुरु के सीजीएम आरपी सेलबम ने कहा कि बिरसा मुंडा भारत की आजादी के नायक थे. इसे भी पढ़ें : नक्सली">https://lagatar.in/maoist-called-bharat-bandh-on-november-20-in-protest-against-the-arrest-of-naxalite-prashant-bose-will-celebrate-resistance-day-from-november-15-to-19/">नक्सली
प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादी ने 20 नवंबर को बुलाया भारत बंद,15 से 19 नवंबर तक मनायेंगे प्रतिरोध दिवस उन्होंने काफी कम उम्र में देश के लिए अपनी शहादत दी. झारखंड में तमाम प्रकार के खनिज व वन सम्पदाओं के अलावे संसाधन मौजूद हैं, लेकिन यहां उतना विकास नहीं हो पाया. झारखंड के तमाम युवक-युवतियों को शिक्षित कर झारखंड को विकास के पथ पर आगे ले जाकर बिरसा भगवान के सपनों का झारखंड बनाने की जरूरत है. एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर ने कहा कि भगवान बिरसा भारत के बडे़ योद्धा थे. 1895 में लगान माफी के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिए थे. आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन, संस्कृति, परम्परा, जमींदारों व सूदखोरों की शोषण नीति आदि के खिलाफ भी उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ते हुए काफी कम उम्र में शहादत दी. उल्लेखनीय है कि निरन्तर जारी वर्षा व घने कोहरे की वजह से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. [wpse_comments_template]
किरीबुरु-मेघाहातुबुरू में सीजीएम, एसडीपीओ व अन्य ने भगवान बिरसा की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

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