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चाईबासा : राज्य में चल रही है झारखंडी विरोधी सरकार : सन्नी सिंकु

Chaibasa : झारखंड प्रदेश तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष सन्नी सिंकु ने कहा है कि झारखंड में झारखंडियों के लिए मान्यता प्राप्त जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा समूह का सरंक्षण, संवर्धन और विकास के लिए झारखंड की कोई भी सरकार काम नहीं की है. झारखंडी भाषा समूह को विकृत करने का काम सरकार कर रही है. इसको लेकर कई बार सरकार को भी ज्ञापन सौंपा गया है.  वर्तमान में भी झारखंडी विरोधी ही सरकार चल रही है. इसे भी पढ़ें:मझगांव">https://lagatar.in/mazgaon-scooty-rider-lost-control-over-speed-breaker-in-jaintgarh-two-injured/">मझगांव

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सरकार नहीं कर रही है पहल

मान्यता प्राप्त जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा की बहुलता के अनुरूप राज्य के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों में स्थाई स्वीकृति के तहत भाषावार विभाग, भाषा अकादमी, सांस्कृतिक उत्थान केंद्र मानव विकास हित में की जाय. जबकि झारखंड अलग राज्य की मांग सदियों पूर्व से आदिवासी मूलवासियों ने झारखंड की विशेष भौगोलिक भूभाग में निवास करने वालों की भाषा और संस्कृति की सह अस्तित्व की रक्षा करने के लिए की थी. तब देश में राज्य पुनर्गठन आयोग भाषा और संस्कृति के आधार पर राज्य का गठन कर रही थी और देश में भाषा और संस्कृति के आधार पर 14 राज्यों का गठन हुआ था.

परिसीमन में भी की गयी है गड़बड़ी

परिसीमन के नाम पर झारखंड की भूभाग को इधर से उधर किया गया. लेकिन झारखंड अलग राज्य की मांग कभी नहीं थमी. 1940 को रामगढ़ में आयोजित कांग्रेस महाधिवेशन में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने कांग्रेस के नव निर्वाचित तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस को अलग झारखंड राज्य से संबंधित मांग पत्र सौंपा गया था. इसे भी पढ़ें:भोगता">https://lagatar.in/the-suffering-community-will-no-longer-be-in-the-category-of-sc-a-bill-to-remove-it-from-the-category-of-scheduled-castes-introduced-in-parliament/">भोगता

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