Chaibasa (Sukesh Kumar) : झारखंड राज्य सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में कोर्ट परिसर स्थित मीटिंग हॉल में न्यायिक पदाधिकारियों और मध्यस्थ अधिवक्ताओं के बीच आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से मामलों के निष्पादन को सुलभ और सहज बनाना था. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय योगेश्वर मणि ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका की विशेषताओं का वर्णन किया. उन्होंने इसे और प्रभावी बनाने पर चर्चा की.
इसे भी पढ़ें : Chaibasa : लोक अदालत में 319 मामलों का हुआ निष्पादन
किसी भी मामले के सकारात्मक निष्पादन की महत्वपूर्ण कड़ी है मध्यस्थता
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राजीव कुमार सिंह ने बताया कि यह विवाद सुलझाने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मध्यस्थ (मीडिएटर) निष्प्रभावी एवं निर्विकार व्यक्ति के रूप में विवाद ग्रस्त पक्षकारों को एक ऐसे समझौते के लिये तैयार करता है, जिस पर पक्षकारों की सहमति होती है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम ओम प्रकाश ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे किसी भी मामले के सकारात्मक निष्पादन की एक महत्वपूर्ण कड़ी बतायी. मौके पर अधिवक्ताओं ने भी अपने विचार रखे. बैठक में सभी न्यायिक पदाधिकारीगण, बार के सचिव फा अगस्टिन कुल्लू और अधिवक्तागण शामिल थे.