Chaibasa : खूंटपानी मंडल के पंड्राशाली चौक में भारतीय जनता पार्टी के प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता मंडल अध्य्क्ष सुदामा हाई बुरु ने की. कार्यक्रम की शुरूआता भाजपा के प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर की गई. इस मौके पर मुख्य अतिथि खरसावां विधान सभा के प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक जवाहर लाल बानरा ने उनके जीवनवृत पर प्रकाश डालते हुए कार्यकर्ताओं को बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ पार्टी के संस्थापक अध्य्क्ष रहे,और वह जनसंघ पार्टी आगे चल कर भारतीय जनता पार्टी बनी.
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एमए कर वकालत पास कर बैरिस्टर बने
22 वर्ष की अल्प आयु में ही वे एमए कर वकालत पास कर बैरिस्टर बने. 24 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय में सीनेट सदस्य बने. 1934 में राजनीति में प्रवेश किए और आजीवन देशकी सेवा में लगे रहे. नेहरू जी के मंत्रिमंडल में वित्तमंत्री के पद से इस्तीफा देकर भारत में विलय काश्मीर के अलग झंडे का विरोध ,और नेहरू के तुष्टीकरण का विरोध करते हुए जोरदार आंदोलन किया और जम्मू गए. जहां उन्हें गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया. 40 दिनों के बाद 23 जून 1953 को जेल में रहस्यमय ढंग से उनकी मृत्यु हो गई. मंडल प्रभारी हेमन्त कुमार केशरी ने कार्यकर्ताओं को उनके पद चिन्हों पर चलते हुए जनता की सेवा करने को प्रेरित किया. कार्यक्रम में महामंत्री सोनाराम कुम्हार, सांसद प्रतिनिधि सानो गोप, कोकिल केसरी, नारायण बानरा, सानगी बानरा,मंगता गोप, गोला हेम्ब्रम, लारेंस हायबुरु, करण दोराय, दुर्गा चरण गोप, ढुलू राम हेम्ब्रम, प्रधान होनहागा आदि उपस्तिथ थे.