Ranchi: राज्य के ड्रग कंट्रोलर ने चाईबासा ब्लड बैंक (M/S Blood Bank) के खिलाफ की गयी कार्रवाई की अनुशंसा को नजरअंदाज किया. ब्लड बैंक में संक्रमण की जांच के लिए ELISA मशीनें थी, फिर भी Rapid kit का इस्तेमाल किया जा रहा था. Central Drug Standard Control Organisation (CDSCO) ने Joint Inspection के बाद वर्ष 2021 में इस ब्लड बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी.
लेकिन ब्लड बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने के बदले नया लाइसेंस लेने के लिए पत्र लिखा जाता रहा. इस ब्लड बैंक से थैलेसीमिया पीड़ित पांच बच्चों को HIV संक्रमित ब्लड देने के बाद सरकार ने सिविल सर्जन सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई की है. लेकिन ड्रग कंट्रोलर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

दिसंबर 2020 में CDSCO(East Zone) के निर्देश पर चाईबासा सदर अस्पताल स्थित M/S Blood Bank का संयुक्त निरीक्षण किया गया था. इसमें CDSCO के ड्रग इंस्पेक्टर सुरेश प्रधान और झारखंड के ड्रग इंस्पेक्टर कुंज बिहारी शामिल थे.
निरीक्षण के दौरान ब्लड बैंक में काफी गड़बड़ी पायी गयी थी. संयुक्त निरीक्षण के दौरान भी जगह बदलने की वजह से ब्लड का लाइसेंस समाप्त होने का मामला पकड़ में आया था. संयुक्त निरीक्षण की रिपोर्ट CDSCO(East Zone) और झारखंड सरकार को भेजी गयी थी.
इसमें Drug and Cosmetic Rule 1945 में निहित प्रावधानों के तहत M/S Blood Bank के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी. लेकिन ब्लड बैंक के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी. बिना लाइसेंस के ही उसे चलने दिया गया. ड्रग कंट्रोलर के स्तर से सिर्फ नया लाइसेंस लेने का निर्देश दिया जाता रहा.
संयुक्त जांच में पाया गया कि ब्लड बैंक से जगह बदलने के बाद नये जगह के लिए लाइसेंस नहीं लिया गया. पुरानी जगह पर जारी किये गये लाइसेंस के Renewal के लिए आवेदन दिया जाता रहा. यह आवेदन भी समय पर नहीं दिया गया.
ब्लड बैंक का लाइसेंस 17/5/20 03 से 16/5/2007 के लिए वैध था. इसके बाद 16/5/2007 से 16/5/2012 तक के लिए लाइसेंस Renewal के लिए 29 दिसंबर 2011 को आवेदन दिया गया. इसी तरह 2022 तक के लिए ब्लड बैंक की ओर से लाइसेंस Renewal के लिए आवेदन निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद दिया गया.
संयुक्त निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ब्लड बैंक में HIV, Hepatitis B(HBV), Hepatitis C (HCV), Syphilis और Malaria की जांच के लिए Rapid Kit का इस्तेमाल किया जा रहा था. हालांकि ब्लड बैंक में इन संक्रमणों के लिए दो ELISA machine थी. लेकिन इन संक्रमणों की जांच के लिए ELISA machine का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था.
Hemoglobin की जांच के लिए Specific gravity प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन यहां Hemoglobin की जांच के लिए कॉपर सल्फेट(CuSO4) का इस्तेमाल किया जा रहा था. Blood Stock Register नियमानुसार नहीं रखा गया था. निरीक्षण के समय ब्लड बैंक के पास pollution Certificate नहीं था. ब्लड बैंक के लिए दी गयी जगह सिर्फ 66.64 वर्ग मीटर पायी गयी. इतनी कम जगह ब्लड बैंक चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है.
ब्लड बैंक के सभी कमरे ग़ैर जरूरी चीजों से भरे पाये गये. कमरा Unhygienic पाया गया. निरीक्षण के समय Blood Collection की जगह का AC काम नहीं काम नहीं कर रहा था. Serology Lab का AC काम नहीं कर रहा था. Refreshment and rest room का AC भी काम नहीं कर रहा था. Expired Blood और संक्रमित ब्लड के Disposal के लिए निर्धारित SOP का पालन नहीं किया जा रहा था.


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