Chaibasa (Sukesh kumar) : महिला महाविद्यालय चाईबासा में संचयिका (सेविंग) दिवस सह ड्रग एम्बेसडर पर शुक्रवार को एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ज्ञानचंद जैन कॉमर्स कॉलेज के सहायक प्राध्यापक प्रोफेसर डॉ मुरारी लाल बैध शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर की. कार्यक्रम में डॉ मुरारी लाल बैध ने कहा कि जैसे एक छोटे बच्चे को बचपन से संस्कार सिखाया जाता है, वैसे ही बच्चों को बचपन से ही संचय (सेविंग) की आदत डलवानी चाहिए. इससे उसके मन में बचपन से ही संचय के प्रति प्रेरणा और जागरूकता आएगी.
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उन्होंने कहा कि जैसे हम बारिश के पानी को इसलिए संचय करते हैं, ताकि गर्मी के दिनों में पानी का स्तर ऊंचा रहे और भरी गर्मी में भी हमें पानी मिल जाये. उसी प्रकार मुद्रा का संचय इसलिए हमें करना चाहिए, ताकि खराब समय में वो संचय काम आ सके. कभी भी आय से ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए, नहीं तो हम मुश्किल में पड़ सकते हैं. छात्राएं किसी भी सरकारी बैंक में छोटी रकम की एक रेकरिंग डिपॉजिट खाता जरूर खोल लें और उसमें महीने में कुछ भी एक निश्चित राशि जमा करें, ताकि आपके अन्दर सेविंग करने की भावना जागे और आपका कुछ पैसा भी बुरे समय के लिये जमा हो जाये. उन्होंने डिजिटल बैंकिंग पर जोर दिया. उन्होंने सावधान रहने की सलाह दी और ओटीपी नहीं देने तथा किसी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करने की बात कही.
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कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला महाविद्यालय की प्रचार्या डॉ प्रीतिबाला ने कहा कि ड्रग एम्बेसडर महाविद्यालय की जो छात्रा बनी हैं, वे महाविद्यालय परिसर के साथ-साथ हर जगह नशा के दुष्प्रभाव और दुष्परिणाम बताएंगी और नशामुक्ति के लिए समाज और अन्य जगह जागरूकता भी फैलाएंगी. उन्होंने कहा कि आज नशा समाज की सबसे बड़ी समस्या है. इसे दूर करने में हम सभी की सहभागिता होनी चाहिए.
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इन्होंने भी किया संबोधित
कार्यक्रम को प्रोफेसर डॉ अंजू बाला खाखा ने भी सम्बोधित किया. कार्यक्रम में मंच संचालन प्रोफेसर अंजना सिंह ने किया. कार्यक्रम को प्रोफेसर डॉ सुचित्रा बाड़ा, प्रोफेसर डॉ मंजू, प्रोफेसर प्रशांत खरे, प्रोफेसर डॉ मीरा कुमार, प्रोफेसर डॉ पप्पू यादव ने भी संबोधित किया. कार्यशाला में अलग-अलग विभाग की छात्राएं भी मौजूद थीं.