Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम के सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने 23 जनवरी को मुफ्फसिल थाना में हुई घटना में आदिवासियों व पुलिस जवानों के बीच हिंसा और लोगों को लगी चोट को कोल्हान के लिए दुखद घटना बताया है. उन्होंने कहा कि यह अलग देश की मांग नहीं थी. इसे अलग देश की मांग बताना और कुछ लोगों द्वारा बहाली प्रक्रिया करना गलत है. यह बातें मानकी तुबिद, मिली बिरुवा, नारायण कांडेयांग, रमेश जेराई, रेयांस सामड और सिराज दत्ता ने विज्ञप्ति जारी कर कही हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना और इससे संबंधित कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट मामले को अधिकांश मीडिया द्वारा अलग देश की मांग बताना और देशद्रोह से जोड़ना अत्यंत दुखद है.
कोल्हान गवर्नमेंट इस्टेट की मांग कई दशक से की जा रही है
उन्होंने कहा कि ‘कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट’ की मांग क्षेत्र में कई दशकों से कुछ लोगों द्वारा की जा रही है. इसका आधार 1837 का विलकिंसन रूल है और यह मांग आदिवासियों के पारंपरिक स्वशासन की मांग पर आधारित है, न कि अलग देश की मांग. संविधान की पांचवी अनुसूची व छठी अनुसूची प्रावधानों व संबंधित कई कानूनों (जैसे पेसा) व अनेक सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुसार वर्तमान शासन प्रणाली व देश के संघीय ढांचे के अन्दर ही आदिवासियों के पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था के अनेक प्रावधान हैं. आज की वर्तमान शासन व्यवस्था में कोल्हान में पारंपरिक स्वशासन व्ययस्था की रूपरेखा कैसी हो, यह चर्चा का विषय है. आदिवासियों को रोजगार के नाम पर भ्रमित किया
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से ‘कोल्हान गवर्नमेंट इस्टेट’ के नाम से रक्षकों, शिक्षकों व मुंडा-मानकी की बहाली की प्रक्रिया चलायी जा रही थी. इस्टेट के संचालकों द्वारा नियुक्ति फॉर्म बेचा जा रहा था और नियुक्ति के नाम पर कुछ पैसे लिए जा रहे थे. इस प्रक्रिया में आदिवासियों को रोजगार के नाम पर दिग्भ्रमित किया गया. साथ ही, मुहिम के प्रमुख संचालकों द्वारा खुद को मालिक, खेवटदार नंबर एक आदि बताकर भी दिग्भ्रमित किया गया. पुलिस ने इस घटना को अलग देश की मांग या देशद्रोह नहीं बताया
पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति में इस घटना को कभी भी अलग देश की मांग या देशद्रोह का जिक्र नहीं किया गया. इनमें फर्जी बहाली और हिंसा के विरुद्ध कार्यवाई की बात की गई है. 25 जनवरी को सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने उक्त बातों व सम्बंधित मांगों के साथ मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा और उपायुक्त से मुलाकात की. उपायुक्त ने भी दल को बताया कि प्रशासन की ओर से यह एक बार भी नहीं कहा गया कि हिंसा व इस्टेट के नाम से बहाली मुहिम के पीछे अलग देश की मांग थी. गलत करने वाले संचालकों पर न्यायसंगत कार्रवाई करें
उन्होंने कहा कि ‘कोल्हान गवर्नमेंट इस्टेट’ के नाम से वर्तमान मुहिम में अगर कुछ गलत कार्यवाही हुई है तो उसके अनुसार इसके संचालकों पर न्यायसंगत कार्रवाई करें न कि आम आदिवासियों पर. कोल्हान के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएं. सरकार पांचवी अनुसूची प्रावधानों व पेसा को पूर्ण रूप से लागू करे, जल्द-से-जल्द पेसा नियमावली बनाए और वर्तमान शासन प्रणाली के अनुसार विलकिंसन रुल को संशोधित कर लागू करें. [wpse_comments_template]
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