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चाईबासा : उपायुक्त ने कहा- 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे पंडाल में नहीं जा सकते

Chaibasa : समाहरणालय सभाकक्ष में जिला उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक की संयुक्त अध्यक्षता में दशहरा पूजा की विधि-व्यवस्था को लेकर मंगलवार को बैठक हुई. बैठक में उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी दशहरा पूजा के गाइडलाइन का संबंधित सभी पदाधिकारी सख्ती से पालन करेंगे. पूजा पंडाल का निर्माण किसी थीम पर आधारित नहीं होगा और आकृति में छोटा होगा. अधिक से अधिक संख्या में लोग अपने घर पर ही पूजा करें. पूजा पंडाल में केवल पूजा समिति से जुड़े लोगों को ही रहने की अनुमति प्रदान है. किसी प्रकार के प्रसाद के वितरण पर रोक है. पूजा समिति द्वारा किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. मौके पर पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा ने सभी वरीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने क्षेत्र में स्थित सभी पूजा पंडाल को चिन्हित करेंगे और स्थल निरीक्षण करते हुए पंडाल की जांच स्वयं करेंगे कि सरकार द्वारा जारी निर्देश का पालन पूजा समिति द्वारा किया जा रहा है या नहीं, साथ ही साथ पंडाल में लगाए गए बिजली की व्यवस्था की भी जांच करेंगे ताकि किसी भी प्रकार का शॉर्ट सर्किट से कोई अनहोनी ना घटे. मूर्ति विसर्जन के जुलूस की अनुमति नहीं होगी. पुलिस पदाधिकारी असामाजिक तत्वों पर विशेष निगरानी रखेंगे. आवश्यकता होने पर सख्त कार्रवाई भी करेंगे. मौके पर अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी सदर चाईबासा, पोड़ाहाट, चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद चाईबासा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और सभी अंचलाधिकारी उपस्थित थे.

दुर्गा पूजा के अनुपालन हेतु सरकार द्वारा जारी निर्देश

कंटेनमेंट जोन के बाहर पूजा पंडाल के निर्माण की अनुमति है. दुर्गा पूजा पंडाल या मंडप को चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर तीन तरफ से ढक दिया जाएगा, ताकि आगंतुकों का प्रवेश रोका जा सके. भक्त पंडाल में प्रवेश किए बिना बैरिकेड्स के बाहर दूर से ही दर्शन कर सकते हैं. पूजा पंडाल/मंडप का निर्माण किसी भी थीम पर नहीं किया जाएगा. पूजा पंडाल/मंडप के आस-पास के क्षेत्र में रोशनी से कोई सजावट नहीं होनी चाहिए, सुरक्षा के उद्देश्य से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था की अनुमति है. पूजा पंडाल/मंडप में और उसके आसपास कोई स्वागत द्वार नहीं बनाया जाएगा. उस क्षेत्र को छोड़कर जहां मूर्ति रखी गई है, बाकी पूजा पंडाल/मंडप खुले रहेंगे. मूर्ति का आकार 5 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए. ध्वनि प्रदूषण ( विनियमन और नियंत्रण ) नियम 2000 के अनुपालन में मंत्र/पाठ/आरती के सजीव प्रसारण के लिए सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के उपयोग की अनुमति दी जा सकती है. जनता के माध्यम से टेप/ऑडियो/डिजिटल रिकॉर्डिंग का कोई प्रसारण नहीं किया जाएगा. किसी भी समय पंडाल में मौजूद पूजा समिति के सभी सदस्य/पुजारी/स्वयंसेवक यह सुनिश्चित करेंगे कि कम से कम कोविड -19 का एक टीका लगाया गया है. इस अवसर पर कोई मेला आयोजित नहीं किया जाएगा. दुर्गा पूजा पंडाल/मंडप में और उसके आसपास कोई भी फूड स्टॉल नहीं खोला जाएगा. किसी भी समय दुर्गा पूजा पंडाल/मंडप में आयोजकों, पुजारियों और सहयोगी स्टाफ सहित 25 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं होंगे. विसर्जन जुलूस नहीं निकलेगा, मूर्तियों को इस उद्देश्य के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनुमोदित स्थानों पर विसर्जित किया जाएगा. संगीत या कोई अन्य मनोरंजन/सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा. कोई सामुदायिक भोज/प्रसाद या भोग वितरण समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा, प्रसाद की होम डिलीवरी पर कोई रोक नहीं है. आयोजकों/पूजा समितियों द्वारा किसी भी रूप में कोई आमंत्रण जारी नहीं किया जाएगा. पंडाल/मंडप के उद्घाटन के लिए कोई सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. पंडाल के निर्माण के लिए किसी भी सड़क को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा. किसी भी सार्वजनिक स्थान पर गरबा/डांडिया कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. सार्वजनिक स्थान पर पुतला या रावण दहन नहीं किया जाएगा. सार्वजनिक स्थानों पर फेस कवर/मास्क पहनना अनिवार्य है. 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति पंडाल में उपस्थित नहीं हो सकते हैं. व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम 6 फीट की दूरी बनाए रखनी चाहिए. [wpse_comments_template]

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