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चाईबासा : हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन

Chaibasa (Sukesh kumar) : पश्चिमी सिंहभूम के अलावा पूरे देश से हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए आदिवासी समाज के लोगों ने दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया. सोमवार को आयोजित धरना-प्रदर्शन में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, असम और महाराष्ट्र आदि राज्यों के आदिवासी समाज के दो हजार से ढाई हजार लोग शामिल हुए. इसमें लगभग 1500 से 2000 किलोमीटर की लंबी यात्रा तय कर हो भाषा बोलने वाले लोग दिल्ली पहुंचे. हो समाज के प्रतिनिधि ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में 2024 से पहले शामिल नहीं किया जाता है तो झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ मिलकर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/Chaibasa-Ho-Bhasha-1.jpg"

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इसमें झारखंड और ओडिशा से लौह अयस्क देश के किसी भी कोने में ले जाने नहीं दिया जाएगा. वहीं आदि संस्कृति एवं विज्ञान संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह हांसदा ने भी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हो भाषा को संविधान कील आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया तो कोल्हान से लौह अयस्क नहीं निकलने दिया जाएगा. मौके पर सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि आठवीं अनुसूची में शामिल करना लंबी मांग है. इस मांग को पूरा करने की जरूरत है. आदिवासी समाज आज भी पिछड़ा हुआ है. उनकी समस्याओं को दूर करना सत्ताधारी पक्ष की जरूरत है. इस दौरान बबलु सुंडी, सिरजोन, गब्बर सिंह हेम्ब्रम, बीरसिंह बुरीउली, बाबू राम सोय, गोनो हेस्सा आदि उपस्थित थे.  [wpse_comments_template]

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