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स्थानीय पुजारी ने विधि विधान के साथ पूजा की
शहीद स्थल पर पहुंचने के बाद वहां के स्थानीय पुजारी ने विधि विधान के साथ पूजा की और उसके बाद आयुक्त व उनके साथ गए अन्य अधिकारियों ने शहीद स्थल पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन किया और श्रद्धांजलि दी. इसके उपरांत उन्होंने शहीद स्थल के चारों तरफ घूम कर जायजा लिया तथा पर्यटन विकास पर संभावनाओं को देखा. उन्होंने सिरिंगसिया शहीद स्थल के ऐतिहासिक वृतांत को देखते हुए इस स्थल को और भी विकसित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल को और विकसित करने के लिये कार्य किया जाए ताकि जनमानस इस जगह के महत्व को समझ सके.कोरोना की वजह से इस वर्ष नहीं हुआ मेला का आयोजन
उल्लेखनीय है कि 1831-32 में हुए कोल विद्रोह के दौरान जल, जंगल, जमीन व आजादी के लिये बलिदान देने वाले वीर सपूतों को प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. उनकी याद में मेला, खेलकूद प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. लेकिन इस वर्ष कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए सिरिंगसिया घाटी युद्ध के नायकों को सादगी से श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस वर्ष मेला व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया. इसे भी पढ़ें:बसपा">https://lagatar.in/bsp-supremo-mayawati-said-there-was-goonda-raj-in-the-sp-government-biased-against-muslims-in-yogi-raj/">बसपासुप्रीमो मायावती ने चुनावी बिगुल फूंका, कहा, सपा सरकार में था गुंडा राज, योगी राज में मुसलमानों से पक्षपात [wpse_comments_template]

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