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चाईबासा : लकड़ी की पुलिया बहने से आवा गमन बाधित, ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनाई पुलिया

Chaibasa (Ramendra Kumar Sinha) : पश्चिमी सिंहभूम के गोइलकेरा प्रखंड अंतर्गत कुरकुटिया गांव में बनी लकड़ी की पुलिया पिछले शुक्रवार की रात को हुई बारिश की पानी से बह गई. पुलिया बह जाने से गांव के लोगों का बाहरी दुनिया से सम्पर्क पूरी तरह से कट गया है. क्योंकि सुदूर क्षेत्र के गांव वासी जिला मुख्यालय, प्रखंड मुख्यालय एवं स्थानीय बाजार जाने के लिए इसी लकड़ी के पुलिया का उपयोग करते हैं. यह क्षेत्र चारों ओर पहाड़ों से घिरा होने के कारण कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. लोग बीमार होने पर इलाज कराने के लिए डॉक्टर के पास भी नहीं जा पाते हैं. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अक्सर यहां के ग्रामीण सांप-बिच्छू के शिकार होते रहते हैं और इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं. इसे भी पढ़ें : चांडिल">https://lagatar.in/chandil-dalma-bachao-samiti-opposes-the-safari-plan/">चांडिल

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40 सालों से लकड़ी की पुलिया बनाकर काम चला रहे हैं ग्रामीण

इन सारी मुसीबतों से निजात पाने के लिए रविवार को यहां के लोग श्रमदान कर लकड़ी की पुलिया बनाई. उल्लेखनीय है कि इस बरसाती नदी पर आजादी से लेकर आज तक कभी पुलिया नहीं बना. लोगों ने कई बार पुलिया बनवाने का प्रयास किया लेकिन कोई जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दिया. यहां के लोग पिछले 35-40 सालों से श्रमदान कर लकड़ी का पुलिया बनाकर अपना काम चलाते आ रहे हैं. कभी कभार ज्यादा बारिश हो जाती है तो ये लकड़ी की पुलिया पानी से बह जाती है. श्रमदान कर पुलिया बनाने वालों में समाज सेवी वीरेंद्र हेंब्रम, रामराई हेंब्रम, दुबराज हेंब्रम, तुरी हेंब्रम, वीरू हेंब्रम, वासुदेव हेंब्रम, जग सिंह लगुरी, सोमनाथ लगुरी आदि शामिल थे. [wpse_comments_template]

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