Chaibasa (Sukesh kumar) : चक्रधरपुर के भरनिया गांव में ग्रामीणों द्वारा अंचल उप निरीक्षक और अमीन को बंधक बनाने में झारखंड सरकार और अनुमंडल स्तर के मजिस्ट्रेट दोषी है. यह प्रतिक्रिया झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने दी है. उन्होंने कहा कि जब कोल्हान पोड़ाहाट में पारंपरिक, प्रथागत विलकिंसन रूल्स लागू है तो ऐसे में भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 में संरक्षित की गई उपबंध भरनिया गांव में प्रभावी है. तब भरनिया गांव के मुंडा और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के बिना सहमति लिए राजस्व उप निरीक्षक और अमीन के द्वारा उस गांव की जमीन नापी करना सिर्फ पेसा कानून का अवमानना नहीं है, बल्कि अनुच्छेद 243 का खुला उल्लंघन है. सन्नी सिंकु ने कहा कि चक्रधरपुर के विधायक और सांसद ने कभी भी भरनिया गांव के ग्रामीणों के दर्द को सुनने का प्रयास नहीं किया. इसे भी पढ़ें :चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-awareness-chariot-left-for-prevention-of-child-marriage/">चाईबासा
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चाईबासा : भरनिया गांव में अंचल उप निरीक्षक व अमीन को बंधक बनाने में सरकार व मजिस्ट्रेट दोषी - सिंकु

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