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खतियान को ही स्थानीय होने का आधार होना चाहिए
उन्होंने सरकार द्वारा बाहरी भाषा को झारखंड की दूसरी भाषा बनाए जाने का विरोध किया और कहा की जिस भाषा को बिहार में मान्यता नहीं है, उस भाषा को इस राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. झारखंड में खतियान को ही स्थानीय होने का आधार होना चाहिए. इस राज्य के प्रमुख विपक्षी पार्टी ने भी सरकार के इस निर्णय पर चुप्पी साध कर साबित किया है कि वह भी झारखंडी विरोधी है.आंदोलनकारियों की कमिटी का हुआ गठन
बैठक के बाद आंदोलनकारियों की कमिटी का गठन किया गया. जिसमें आसमान सुंडी को अध्यक्ष और नवाज हुसैन उर्फ बिरसा को महासचिव बनाया गया. कमिटी में अन्य पदधारी इस प्रकार हैं- उपाध्यक्ष बंदना उराव, रेंगो बुडिवुली, सचिव वीरसिंह हेम्ब्रम, सह सचिव इजहार राही, कोषाध्यक्ष लछमन सोय व जयपाल बोदरा. कार्यकारिणी सदस्य कोकिल केसरी, सिद्धेश्वर बानरा, हरिहर देवगम, प्रेम प्रकाश बिरुवा, सेलाय तियूं. धन्यवाद ज्ञापन जयपाल बोदरा ने किया. इसे भी पढ़ें:चाईबासा:">https://lagatar.in/chaibasa-home-defense-corps-association-submitted-memorandum-to-drinking-water-sanitation-minister-for-deputation/">चाईबासा:प्रतिनियुक्ति के लिये गृह रक्षा वाहिनी संघ ने पेयजल स्वच्छता मंत्री को सौंपा ज्ञापन [wpse_comments_template]

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