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चाईबासा : युवाओं को हेमंत सरकार ने बंधुआ मजदूर बनाने का काम किया : बिरुली

Chaibasa (Sukesh kumar) : चाईबासा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पूरे मंत्री मंडल के साथ श्रम विभाग द्वारा आयोजित कोल्हान प्रमंडलीय रोजगार मेला में 10,200 युवाओं को ऑफर लेटर सौंपने के नाम पर फिर से एक बार कोल्हान वासियों को छलने का काम किया. यह बातें अखिल भारतीय परिसंघ के सचिव वीर सिंह बिरुली ने कही. उन्होंने कहा कि नियोजनालय में निबंधित बेरोजगारों और कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित युवाओं को सरकार ने बंधुआ मजदूर बनाने का काम किया है. सत्ता में आने के पूर्व झामुमो हर साल 5 लाख नौकरी देने का वादा करती है और सरकार आने के बाद अपना वादा भूल जाती है. आज तक हेमंत सरकार कोल्हान के आदिवासियों और मूलनिवासियों को सिर्फ ठगने का काम करती आ रही है. स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना व ईचा डैम से विस्थापन का दंश झेल रहे 126 गांव के आदिवासी मूलनिवासियों को सरकार भूल चुकी है. आदिवासी हितैसी होने का तमगा लगाने वाली पार्टी बिचौलियों की पार्टी बन कर रह गई है. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-football-competition-organized-on-the-death-anniversary-of-martyr-constable-rumul-sanvaiyan/">चाईबासा

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बेरोजगारों को नहीं मिला भत्ता

बदलाव यात्रा में सत्ता परिवर्तन कर विकास का राग अलापने और ईचा डैम को रद्द करने का संकल्प लेने वाले हेमंत बाबू अब इसकी बात तक नहीं करना चाहते. सरकार खतियानी यात्रा कर कोल्हान के 126 गांव से उजड़ने वाले रैयत और खतियानी आदिवासी मूलनिवासियों को विस्थापित करना चाहती है. यह सरकार की खतियानी यात्रा नहीं बल्कि कोल्हान के लोगों की मौत यात्रा है. इसलिए अपनी सरकार के पांच साल पूर्ण होने तक में भी ईचा खरकई बांध परियोजना या ईचा डैम का मुद्दा विधानसभा से नदारत है. इस मामले को लेकर न विधायक गंभीर हैऔर ना ही मुख्यमंत्री. बेरोजगारों को भत्ता देने का दावा करने वाली हेमंत सरकार आज तक कितने बेरोजगारों को भत्ता दे पाई, इसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है. सिर्फ जुमलेबाजी में सरकार चल रही है. [wpse_comments_template]

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