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चाईबासा : हो भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सैकड़ों युवा दिल्ली रवाना

Chaibasa (Sukesh kumar) : आदि संस्कृति एवं विज्ञान संस्थान जोड़ापोखर के सैंकड़ों सदस्य चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन से आगामी 21 अगस्त को जंतर मंतर पर होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शनिवार को सुबह उत्कल एक्सप्रेस से रवाना हुए. यह आंदोलन संयुक्त रूप से सभी हो समाज के संगठनों द्वारा आहूत किया गया है. इसमें समाज के सभी भाषा प्रेमी, साहित्यकार, रिसर्च स्कॉलर, युवक-युवातियां तथा सभी सामाजिक अगुवा शामिल होंगे. इस धरना-प्रदर्शन को लेकर पिछले कई महीनों से तैयारियां चल रही थी. उसी कड़ी में आदि संस्कृति एवं विज्ञान संस्थान जोड़ापोखर, झींकपानी के तत्वाधान में लगभग 500 किलोमीटर की पदयात्रा 15 दिनों में पूरा कर कोल्हान के साथ-साथ पूरे राज्य एवं आसपास के राज्य के लोगों को भाषा के प्रति जागरूक किया गया था. इसके साथ ही दिल्ली के जंतर मंतर में होने वाले एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन में भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई थी. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-filter-plants-motor-burnt-water-supply-stopped-in-bagbeda-colony-people-upset/">जमशेदपुर

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आर्थिक नाकेबंदी करने की चेतावनी

बता दें कि हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर कई वर्षों से आंदोलन चल रहा है. 2003 में भी हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर आंदोलन किया गया था. उसमें मुख्य रूप से संथाल और हो समुदायों के लोगों की भागीदारी रही थी. इसके बाद संथाली को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कर लिया गया था, लेकिन किसी कारणवश हो भाषा को शामिल नहीं किया जा सका था. अब इसे लेकर लोगों ने पुनः आंदोलन शुरू कर दिया है. इधर, आदि संस्कृति एवं विज्ञान संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह हांसदा ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि अगर हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में झारखंड सहित ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी किया जाएगा. [wpse_comments_template]

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