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चाईबासा : मानव मल निस्तारण कार्यशाला में एसबीएस से जुड़े लोगों को दी गई जानकारी

Chaibasa : शहरी क्षेत्र में मानव मल के निस्तारण के लिये नप सभागार  में राज्य शहरी विकास अभिकरण ने कार्यशाला का आयोजन किया. इसका उद्घाटन नप के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने किया.  उन्होंने कहा कि आज के समय में भूमि के आभाव में मानव मल कचरा निस्तारण की एक बड़ी समस्या सामने आ रही है. चाईबासा और चक्रधरपुर के नप क्षेत्र में इस समस्या के निदान के लिये  भूमि को चिन्हित कर लिया गया है. जहां दोनों जगहों के मानव मलों को अत्याधुनिक तरीके से निस्तारण किया जायेगा और इसके  बाई प्रोडक्ट  को खाद के रूप में प्रयोग किया जायेगा. इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर:">https://lagatar.in/adityapur-the-womans-health-deteriorated-after-the-operation-high-voltage-drama-went-on-in-the-hospital-for-hours/">आदित्यपुर:

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मानव मल कचरा का निस्तारण तीन वर्ष के बाद अवश्य कराना चाहिए

राज्य शहरी विकास निगम तथा युनिसेफ के तत्वावधान में नप के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया.  कार्यशाला में उपस्थित स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े लोगों को विशेषज्ञ शीला ने कहा कि मानव मल कचरा का निस्तारण प्रत्येक तीन वर्ष के बाद अवश्य कराना चाहिए.  ऐसा करना शारीरिक सुरक्षा के लिए सुरक्षित माना जाता है.  उन्होंने इसके लिये लोगों को जागरूक करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने सभी को सुझाव दिया कि लोगों को बताए की कचरा को यहां वहां न फेंके बल्कि हमारे आदमी आते है उन्हे दें. मौके पर नप ने बताया कि इसे लेकर वार्ड के पार्षदों तथा सफाई कर्मियों  को प्रशिक्षण दिया गया है. लोगों को भी जानकारी दी गई कि कैसे सेप्टिक टैंक का उपयोग करें. प्रशिक्षण के बाद टीम के लोगों ने शहर के विभिन्न वार्डों का दौरा किया. शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को शौचालय का निस्तारण प्रत्येक तीन वर्ष के बाद करना जरूरी है. [wpse_comments_template]

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