Chaibasa (Sukesh Kumar) : चाईबासा के पशु शल्य चिकित्सक डॉ योगेन्द्र कुमार द्वारा पशुपालकों को फ्री सैम्पल नॉट टू बी सोल्ड बेचे जाने आदि मामले पर स्थानीय लोगों से मिली शिकायत को उपायुक्त अनन्य मित्तल को सहायता कोषांग के माध्यम से दी गई. शिकायत पत्र पश्चिमी सिंहभूम जिला बीस सूत्री सदस्य सह कांग्रेस जिला महासचिव त्रिशानु राय ने दी. उपायुक्त के निर्देश तीन सदस्यीय जांच कमिटी बनाई गई थी. जिला पशुपालन पदाधिकारी पश्चिमी सिंहभूम डॉ. सुधाकर सिंह मुंडा की अध्यक्षता में अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार भगत, आदर्श ग्राम पदाधिकारी डॉ. अमरेन्द्र कुमार भूषण को सदस्य बनाया गया है. शनिवार को शिकायतकर्ता को जिला पशुपालन कार्यालय में जांच कमिटी के समक्ष अपना साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था. इसके आलोक में शनिवार को जिला पशुपालन कार्यालय, चाईबासा में शिकायतकर्ताओं ने जांच कमिटी के समक्ष अपना साक्ष्य प्रस्तुत किया था. 12 शिकायतकर्ताओं की शिकायत को कलमबंद किया गया था.
इसे भी पढ़ें : रांचीः एचईसी कर्मियों पर बल प्रयोग, कईयों को गंभीर चोटें
जांच प्रतिवेदन पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल को दे दी गई है. जांच कमिटी के अध्यक्ष सह जिला पशुपालन पदाधिकारी पश्चिमी सिंहभूम डॉ. सुधाकर सिंह मुंडा, जांच कमिटी के सदस्य अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी सदर चाईबासा डॉ. रंजीत कुमार भगत ने बुधवार को पश्चिमी सिंहभूम जिला बीस सूत्री सदस्य सह कांग्रेस जिला महासचिव त्रिशानु राय की मौजूदगी में शिकायतकर्ता विवेक खलखो को जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि उपलब्ध करायी है.
इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर : मंत्री चम्पई बोले- मरांडी की संकल्प यात्रा फ्लॉप, गणेश का जवाब – चम्पई सठिया गए, अब रिटायरमेंट की जरूरत
जांच प्रतिवेदन में पशु शल्य चिकित्सक डॉ. योगेन्द्र कुमार ने बताया कि मेरे द्वारा कुछ गलतियां हुई हैं. इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं. आगे भविष्य में इस प्रकार की कोई गलती नहीं की जाएगी. डॉ. कुमार ने बताया कि चिकित्सा के दौरान फ्री सैम्पल नॉट टू बी सोल्ड बेचे जाने आदि मामले पर जांच कमिटी के सामने ऑनलाइन भुगतान जिसका साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है, उस भुगतान को संबंधित शिकायतकर्ता को वापस कर दूंगा तथा मैं वचन देता हूं कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होगी. दोनों पक्षों द्वारा दिए गए बयानों के सभी बिंदुओं पर समयक विचारोपरांत जांच कमिटी ने निर्णय लिया कि पशु शल्य चिकित्सक, चाईबासा डॉ. योगेन्द्र कुमार पर रुपए लेने का आरोप सही है. इसी क्रम में जांच कमिटी द्वारा पशु शल्य चिकित्सालय, चाईबासा के पशु चिकित्सक डॉक्टर योगेंद्र कुमार से अपने चिकित्सालय का दैनिक चिकित्सा पंजी तथा दवा भंडार पंजी प्रस्तुत करने को कहा गया था.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : रेलवे मेंस कांग्रेस व मेंस यूनियन ने जीएम को विभिन्न समस्या से कराया अवगत
पशु चिकित्सालय का दैनिक चिकित्सा पंजी तथा औषधि भंडार पंजी अद्यतन संधारित नहीं था. डॉ. योगेन्द्र कुमार को सभी पंजी संधारित करने का निर्देश दिया गया. पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सा पंजीकरण शुल्क दर व दैनिक औषधि स्टॉक सूचनापट उपलब्ध था, परंतु दैनिक औषधि स्टॉक प्रदर्शित नहीं किया गया था. उसे बाहरी दीवार पर लगाकर प्रतिदिन अद्यतन कर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया. भविष्य में निजी तौर पर पशु औषधि नहीं रखने व पशुपालकों के प्रति मधुर व्यवहार, निर्धारित शुल्क के अलावा किसी तरह का अनुचित राशि का भुगतान नहीं लेने व इलाज के लिए आने वाले सभी पशुपालकों को निश्चित रूप से प्रिसक्रिप्शन देने की हिदायत दी.