अलग-अलग खदानों में कर्मचारियों के लिए अलग-अलग नियम
Shailesh Singh
Kirirbuur: सेल, बीएसएल के अधीन झारखंड खान समूह की गुआ एवं किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदानों में सेल प्रबंधन ने कई अलग-अलग नियम बनाये हैं जो हमेशा से विवादों व चर्चा में बना रहता है. सेल की तमाम खदानों के सेलकर्मियों व ठेका मजदूरों के लिये आज तक सेल प्रबंधन एक नियम नहीं बना सका है. उदाहरण के तौर पर गुआ खदान में रविवार को छुट्टी के दिन ड्यूटी करने वाले सेलकर्मियों को प्रबंधन की तरफ से एक दिन का वेज एवं एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी देने का प्रावधान है. वहीं किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के सेलकर्मियों को सिर्फ एक दिन का वेज दिया जाता है. उन्हें छुट्टी नहीं दी जाती है. इसके अलावा राष्ट्रीय छुट्टी के दिन ड्यूटी करने वाले गुआ एवं मेघाहातुबुरु खदान के सेलकर्मियों को दो वेज एवं एक छुट्टी का प्रावधान है, जबकि किरीबुरु के सेलकर्मियों को सिर्फ दो वेज ही मिलता है. छुट्टी नहीं. इसके अलावे गुवा खदान के सप्लाई मजदूरों को प्रबंधन की तरफ से आवास एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है. किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदान के सप्लाई मजदूरों के लिये यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. एक ही संस्थान के अधीन कार्यरत सेलकर्मियों व सप्लाई मजदूरों के लिये अलग-अलग खदान में अलग-अलग सुविधा मिलने से कई सवाल खडे़ हो रहे हैं. इससे सेलकर्मियों व सप्लाई मजदूरों में सेल प्रबंधन के खिलाफ हमेशा से सवाल उठाये जाते रहे हैं. इस मामले में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, मेघाहातुबुरु के महासचिव अफताब आलम एवं किरीबुरु के महासचिव राजेन्द्र सिन्द्रिया ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके लिये हमलोग उच्च प्रबंधन के पास कई बार सवाल उठाये कि एक संस्थान में अलग-अलग नियम क्यों? लेकिन प्रबंधन कोई पहल नहीं कर रहा है. राजेन्द्र सिन्द्रिया ने कहा कि वर्ष 964 अर्थात् जब से खदान चालू हुआ है, तब से एक यूनियन को मान्यता देने के बाद यहां कभी चुनाव ही नहीं हुआ. श्रम विभाग भी कभी चुनाव कराना ही नहीं चाही है. इससे ऐसी असमानतायें व अनियमितता व्याप्त है. चुनाव होने से यह सभी समस्या दूर होती. एटक, मेघाहातुबुरु के सचिव गुंजन ने कहा कि हमारा यूनियन पहले से सेल प्रबंधन से सभी खदानों का एक संयुक्त यूनिफार्म पॉलिसी बनाने की मांग कर रही है. लेकिन प्रबंधन कभी भी सेलकर्मियों की इन मांगों को पूरा करने का कार्य नहीं किया. इससे आपसी भेदभाव बढ़ता है. एक ही संस्था के अलग-अलग खदान में अलग-अलग नियम कहीं से भी उचित नहीं है.