Chaibasa : कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में संचालित होने वाले एनएसएस यूनिट के वोलेंटियरर्स का इन दिनों सभी गतिविधि कार्य में ब्रेक लग गया है. विवि की ओर से एनएसएस यूनिट को फंड नहीं मिलने से कॉलेजों के को-ऑडिनेटर को काम कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विवि में कुछ ऐसे यूनिट है जहां पर प्रत्येक माह विभिन्न तरह के एक्टिविटी कार्य होते हैं, लेकिन फंड नहीं होने पर सभी तरह के एक्टिविटी कार्य को रोक दिया गया है. हालांकि, प्राइवेट कॉलेज अपने स्तर से फंड तैयार कर विभिन्न तरह के गतिविधियों को करा रहे हैं.
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अन्य समाजिक संस्थान के साथ मिलकर वोलेंटियरर्स ने किया काम
गौरतलब हो कि विवि के तरफ से पिछले दो सालों से किसी भी यूनिट को फंड नहीं मिला है. कोरोनाकाल खत्म हो चुका है लेकिन अभी तक नया फंड उपलब्ध नहीं कराया गया है. कोरोना काल में कई ऐसे यूनिट है जिन्होंने फंड नहीं होने के वजह से अन्य समाजिक संस्थान के साथ मिलकर कार्य किये. महिला कॉलेज चाईबासा के यूनिट के वोलेंटियर शिक्षकों से कुछ राशि संग्रह कर मास्क का वितरण किया गया. जबकि कुछ वोलेंटियरर्स ने अपने निजी खर्च किये. यूनिट के को-ऑडिनेटर भी अपने ही खर्च से अब तक कई कार्यक्रम करा चुके है. एनएसएस को-ऑडिनेटर को कोरोना काल में सबसे अधिक समस्या हुई. फंड नहीं होने के कारण कई तरह के जागरुकता काम नहीं हो पाये.
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कोल्हान विवि में 80 यूनिट संचालित
कोल्हान विवि में अंगीभूत व संबंद्धता प्राप्त कॉलेजों में कुल 80 यूनिट संचालित हो रही है. इसमें लगभग 530 से अधिक वोलेंटियर सेवा का काम करते है. एक कॉलेज में ही तीन से चार यूनिट संचालित होती है. प्रत्येक वोलेंटियर को एनएसएस यूनिट के तरफ से सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होता है. लेकिन दो साल से फंड नहीं मिलने के कारण को-ऑडिनेटर अपने खर्च से ही सर्टिफिकेट भी बना रहे है. लगातार पत्राचार करने के बावजूद भी विवि की ओर से किसी तरह का फंड जारी नहीं किया गया.
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एनएसएस यूनिट से पिछले दो साल का खर्च ब्यौरा मांगा गया
इस मामले पर कोल्हान विवि के एनएसएस को-ऑडिनेटर डॉ दारा सिंह ने कहा कि कॉलेजों के एनएसएस यूनिट से पिछले दो साल का खर्च ब्यौरा मांगा गया है. लेकिन अब तक कोल्हान विश्वविद्यालय को उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसके कारण कोल्हान विश्वविद्यालय फंड नहीं दे पा रहे है. जितनी जल्दी खर्च का ब्यौरा यूनिट देगा उतनी जल्दी फंड जारी किया जायेगा. कुछ कॉलेज अपना खर्च ब्यौरा दे चुके है. उन कॉलेज के यूनिट को फंड देने पर विचार किया जा रहा है.
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