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Chaibasa (Sukesh kumar) : चक्रधरपुर प्रखंड के रोलाडीह गांव में कुड़मी समाज की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें बंगाल के कलाकार शामिल हुए. रोलाडीह गांव के देउरी सोनाराम महतो के पहल पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर कुड़मी समाज का नेगाचारि के बारे विस्तृत जानकारी ग्रामीणों को दी गयी.
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हमारी अपनी भाषा अपनी रीति रिवाज है – शशिधर
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ओड़िशा से पहुंचे समाजिक कायकर्ता शशिधर महतो व कुड़माली साहित्यकार खगेश्वर महतो शामिल हुये. इस दौरान शशिधर महतो ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिये हर किसी को आगे आना होगा. कुड़मी जनजाति पिछड़ा हुआ है. हमारी परंपरा, रीति रिवाज आदिवासियों से मिलती है. हमारी अपनी भाषा अपनी रीति रिवाज है. उन्होंने कहा कि आदिवासी बनने को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. बंगाल, ओड़िसा व झारखंड के लोग सक्रिय रूप से आंदोलन कर रहे है. लेकिन हमारे ही समाज के कुछ लोग इसको दरकिनार कर अपना मार्ग बना रहे है, इससे दुख होता है.
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अपनी भाषा व परंपरा को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी – खगेश्वर महतो
उन्होंने कहा कि रोलाडीह गांव में जिस तरह से सोनाराम महतो ने पहल कर कुड़मी को जागरूक करने का काम किया है इसी तरह हर गांव में जागरुकता फैलाने की जरूरत है. मौके पर साहित्यकार खगेश्वर महतो ने कहा कि हम कुड़माली भाषा को सहेजने का काम कर रहे है. अपनी भाषा व परंपरा को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है. मौके पर मुख्य रूप से गणेश महतो, जन रक्षा संघर्ष समिति के संयोजक पंडित महतो, अध्यक्ष अशोक तांती, भगीरथी महतो, इंद्रदेव महतो, भुवनेश्वर महतो, समीर महतो के अलावा काफी संख्या में महिला पुरूष शामिल हुये.
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