Chaibasa / Manjhari : कारगिल युद्ध के नायक मनोहर कुंकाल का निधन बीते सोमवार को अमरनाथ में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक होने से हो गई थी. चार दिन बाद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मंझारी प्रखंड के दोकट्टा गांव पहुंचा. पार्थिव शरीर पहुंचते ही ग्रामीणों के आंखों से आंसू छलक पड़े. 11 बजे पार्थिक शरीर गांव पहुंचा. इससे पहले चाईबासा के पोस्ट ऑफिस चौक में उन्हें आम जनता द्वारा श्रद्धांजलि दी गई. उनके निधन पर चाईबासावासी के अलावा पूरे जिले भर में शोक की लहर है. इस दौरान पोस्ट ऑफिस चौक पर जय हिंद, जय जवान के नारा गूंजने लगे. पार्थिव शरीर को एसडीपीओ व एसडीओ के नेतृत्व में उनके गांव पहुंचाया गया. जहां पर आदिवासी परंपरा रीति रिवाज के साथ उनके शरीर को दफनाया गया. सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई. जिले के पुलिस पदाधिकारी व जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
गांव के मुख्य चौक पर लगेगी प्रतिमा: मुंडा
जवान के पार्थिव शरीर के मंझारी प्रखंड के दोकट्टा गांव पहुंचते ही परिजन सहित ग्रामीणों का रो-रोकर बुरा हाल रहा. ग्रामीण जवान के गुणगान में नारे लगाते रहे. ग्रामीण मुंडा रामेश कुंकल ने करगिल युद्ध के नायम मनोहर कुंकल ने कहा कि उनके निधन पर पूरे प्रखंड स्तर के लोगों में शोक की लहर है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा पुरुष में से जाने जाते थे. उनके निधन पर क्षेत्र में गहरा शोक हुआ है. गांव के मुख्य चौक पर उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी, ताकि आने वाली युवा पीढ़ी उनके योगदान को याद रखे और देश की सेवा में आगे रहे.
पार्थिक शरीर पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
जवान मनोहर कुंकल का शव पहुंचने के साथ ही उनके पैतृक गांव में परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा. मौजूद परिजनों में उनकी पहली पत्नी सुनीता कुंकल, दूसरी पत्नी शोभा कुंकल और 2 बच्चे भी शामिल थे. जवान की बहन मुन्नी कुंकल के अलावा उनके कई परिजन भी पहुंचे थे. मालूम हो कि मनोहर कुंकल ने दो शादी की थी. पहली पत्नी सुनीता कुंकल गांव में ही रहती हैं. वहीं, दूसरी पत्नी शोभा कुंकल जमशेदपुर में रहती हैं. पहली पत्नी की कोई संतान नहीं है, वहीं दूसरी पत्नी शोभा कुंकल के दो पुत्र हैं. दोनों पुत्र अपनी मां के साथ जमशेदपुर में रहते हैं.