alt="" width="259" height="194" /> Chaibasa : शहरी क्षेत्र के घरों में प्रयोग होने वाले सेप्टिक टैंक के मेटेरियल के निस्तारण के के लिए नगर पर्षद प्रयास कर रही है. इसके लिये नप अंडर ग्राउंड प्लांट बनाएगा. उस प्लांट में शहर से एकत्र किए गए वेस्ट मेटेरियल से खाद तैयार किया जाएगा और उसके पानी को साफ कर खेतों की सिंचाई में उसका उपयोग किया जाएगा. इस उदेश्य को लेकर नगर पर्षद अपने कर्मियों को तैयार कर रही है. खाद बनाने के लिए नप के कर्मचारियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण में उन्हें बताया जा रहा है कि फिकल वेस्ट और लिक्विड वेस्ट को अलग-अलग करें. इसके बाद पानी को फिल्टर (साफ) कर सिंचाई के लिए उपयोग में लाएं. उसके ड्राई वेस्ट का खाद बनाकर फसलों के लिए उपयोग करें. राज्य शहरी विकास अभिकरण के निर्देशानुसार इसे रूप देने के लिए यूनिसेफ द्वारा फिकेल ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे जो पूरी तरह से र्दुगंध रहित अंडर ग्राउन्ड होंगे. यहां पर शहर से एकत्र किए गए वेस्ट मेटेरियल का ट्रीटमेंट कर उन्हें खाद बनाया जाएगा और उसके वेस्ट ड्राई मेटेरियल को खाद के रूप में खेतों में उपयोग किया जा सकेगा. नगर प्रबंधक ज्योति पुंज ने बताया कि झारखंड सरकार की इस योजना के लिए दो शहरों चाईबासा और खूंटी का चयन किया गया है. इसके लिए कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अभी सेप्टिक कचरे का निष्पादन करने के लिए उचित जगह नहीं है. इस कारण उन्हें अंडर ग्राउंड चैम्बर बनाकर निस्तारित कर खाद तैयार किया जाएगा.
चाईबासा : नगर पर्षद सेप्टिक वेस्ट मैनेजमेंट से बनाएगा खाद, खेतों में होगा उपयोग
alt="" width="259" height="194" /> Chaibasa : शहरी क्षेत्र के घरों में प्रयोग होने वाले सेप्टिक टैंक के मेटेरियल के निस्तारण के के लिए नगर पर्षद प्रयास कर रही है. इसके लिये नप अंडर ग्राउंड प्लांट बनाएगा. उस प्लांट में शहर से एकत्र किए गए वेस्ट मेटेरियल से खाद तैयार किया जाएगा और उसके पानी को साफ कर खेतों की सिंचाई में उसका उपयोग किया जाएगा. इस उदेश्य को लेकर नगर पर्षद अपने कर्मियों को तैयार कर रही है. खाद बनाने के लिए नप के कर्मचारियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण में उन्हें बताया जा रहा है कि फिकल वेस्ट और लिक्विड वेस्ट को अलग-अलग करें. इसके बाद पानी को फिल्टर (साफ) कर सिंचाई के लिए उपयोग में लाएं. उसके ड्राई वेस्ट का खाद बनाकर फसलों के लिए उपयोग करें. राज्य शहरी विकास अभिकरण के निर्देशानुसार इसे रूप देने के लिए यूनिसेफ द्वारा फिकेल ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे जो पूरी तरह से र्दुगंध रहित अंडर ग्राउन्ड होंगे. यहां पर शहर से एकत्र किए गए वेस्ट मेटेरियल का ट्रीटमेंट कर उन्हें खाद बनाया जाएगा और उसके वेस्ट ड्राई मेटेरियल को खाद के रूप में खेतों में उपयोग किया जा सकेगा. नगर प्रबंधक ज्योति पुंज ने बताया कि झारखंड सरकार की इस योजना के लिए दो शहरों चाईबासा और खूंटी का चयन किया गया है. इसके लिए कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अभी सेप्टिक कचरे का निष्पादन करने के लिए उचित जगह नहीं है. इस कारण उन्हें अंडर ग्राउंड चैम्बर बनाकर निस्तारित कर खाद तैयार किया जाएगा.

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