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40 वर्षों से उद्योगपति बनवारी लाल नेवटिया का है अवैध कब्जा
दरअसल समिति ने विधायक लोबिन हेंब्रम से शिकायत की थी कि मतकमहातु के चार आदिवासियों की कुल आठ एकड़ रैयती जमीन पर गैर आदिवासी उद्योगपति बनवारी लाल नेवटिया का अवैध कब्जा है. निरीक्षण के दौरान लोबिन हेंब्रम तथा अधिकारियों ने कहा कि यह मामला भूमि वापसी का है. पीड़ितों की शिकायत सही है. इस जमीन पर अवैध कब्जा है. सीओ गोपीनाथ उरांव ने भी कहा कि यह अवैध कब्जे का मामला है. पीड़ितों को एसएआर कोर्ट के मध्यम से जमीन वापसी संभव है. एसएआर कोर्ट जाकर जमीन वापस लेने की उन्होंने सलाह दी. विनोद सावैयां ने कहा कि पीड़ित डिबर देवगम के पिता मोरन सिंह देवगम जमीन की लड़ाई-लड़ते चल बसे, लेकिन न्याय नहीं मिला. करीब 40 वर्षों से इस जमीन पर बनवारी लाल नेवटिया का अवैध कब्जा है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-satyagraha-done-against-the-order-to-demolish-sarva-seva-sangh-building/">जमशेदपुर: सर्व सेवा संघ भवन गिराने के आदेश के खिलाफ किया गया सत्याग्रह
प्लांट बंद होने के वापस नहीं की जमीन
पीड़ितों का कहना है कि टुंगरी निवासी उद्योगपति बनवारी लाल नेवटिया ने करीब 40 साल पहले हमारे दादा-परदादा से कुल आठ एकड़ जमीन क्रशर प्लांट स्थापित करने के लिए लीज पर ली थी. यह जमीन मतकमहातु के टुंगरी में है. नेवटिया ने इस पर नेवटिया माइंस एंड इंडस्ट्रीज क्रशर प्लांट लगाया. करीब 40 वर्षों तक प्लांट चला. कुछ वर्ष पहले प्लांट बंद हो गया, लेकिन इसके बावजूद जमीन वापस नहीं की जा रही है. जबकि नियमत: जमीन वापस होनी चाहिए थी. ऐसा न होकर उल्टे नेवटिया ने जमीन की चहारदीवारी कर घेराबंदी करवा दी. इसकी शिकायत सदर सीओ से लेकर उपायुक्त, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विधायक दशरथ गागराई आदि से भी शिकायत की गयी थी. लेकिन ऊंची पहुंच की बदौलत नेवटिया का कब्जा आजतक कायम है. इसे भी पढ़ें : मनोहरपुर">https://lagatar.in/manoharpur-woman-injured-by-being-kicked-and-punched-treated-in-chc/">मनोहरपुर: महिला को लात मुक्का से मारकर किया घायल, सीएचसी में इलाजरत
इन चार आदिवासी ग्रामीणों की जमीन पर है अवैध कब्जा
मतकमहातु के जिन ग्रामीणों की जमीन पर अवैध कब्जा है, उनमें रैयत डिबर देवगम (पिता मोरन सिंह देवगम) भगवान देवगम (पिता सेड़ेगा देवगम), विजय देवगम (पिता सेड़ेगा देवगम), चाहत देवगम (पिता प्रधान देवगम) और घनश्याम देवगम (पिता सामू देवगम) का नाम शामिल है. पीड़ितों का कहना है कि नेवटिया के कब्जे में उनकी कुल आठ एकड़ जमीन है. उनकी एक पीढ़ी तो जमीन की लड़ाई में ही खप गयी, लेकिन न्याय नहीं मिला. उम्मीद है कि 40 वर्षों बाद अब न्याय मिलेगा. इसे भी पढ़ें : चक्रधरपुर">https://lagatar.in/chakradharpur-party-workers-should-prepare-for-the-upcoming-lok-sabha-elections-madhu-koda/">चक्रधरपुर: आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं पार्टी कार्यकर्ता – मधु कोड़ा
आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जा दुर्भाग्यपूर्ण : लोबिन हेंब्रम
बोरिया के विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि अदिवासियों की सीएनटी जमीन पर लंबे समय से अवैध कब्जा दुर्भाग्यपूर्ण है. पीड़ितों को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए. भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है. इस पर संबंधित अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है. झारखंड में अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी. हेंब्रम ने कहा- मैं फिर आऊंगा और इस मामले को देखूंगा. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-ban-tolas-team-captured-the-football-tournament/">चाईबासा: बान टोला की टीम ने जमाया फुटबॉल टूर्नामेंट पर कब्जा
जबतक जमीन नहीं मिलेगी लड़ाई जारी रहेगी : विनोद सावैयां
कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि इन पीड़ितों को जबतक जमीन वापस नहीं मिलेगी, हमारी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि चाईबासा के आसपास एसटी जमीन पर अवैध कब्जे का खेल भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है. लेकिन जिले के अधिकारी शिकायत के बाद भी मूकदर्शक बने हुए हैं. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-ajsu-party-will-protest-at-the-block-offices-regarding-the-problems-of-rural-areas/">जमशेदपुर: ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को लेकर प्रखंड कार्यालयों पर धरना देगी आजसू पार्टी
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