Chaibasa (Sukesh Kumar) : महिला कॉलेज की प्राचार्या प्रो प्रीतिबाला सिन्हा पर छात्र संघ ने बदसलूकी का आरोप लगाया है. इसके खिलाफ छात्र संघ में उबाल है और अब छात्र इसके विरोध में आंदोलन की रणनीति बना रहे है. मंगलवार को प्राचार्या द्वारा किए गए इस व्यवहार पर छात्र संघ के सदस्यों ने विरोध जताया और निंदा की.
छात्र प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करना गलत : सुबोध
दरअसल, मंगलवार को छात्र हित में विभिन्न मांगों को लेकर छात्र संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्राचार्या मिलने पहुंचा था. प्राचार्या के कक्ष में घुसते ही प्राचार्या भड़क गई और छात्र संघ के प्रतिनिधियों को बाहर जाने का आदेश दिया. प्राचार्या प्रो प्रीतिबला सिन्हा ने बिना अनुमति के कक्ष घुसने का कारण पूछते हुए सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इधर, इस घटना पर कोल्हान विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव सुबोध महाकुड़ ने कहा कि विगत दिनों महिला कॉलेज चाईबासा के इंटरमीडिएट में प्रवेश पत्र की राशि 250 रुपये अधिक लिए जाने की शिकायत को लेकर प्राचार्य से मिलने गए थे. लेकिन वहां छात्र प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया.
मांगों की अनदेखी करना मौलिक अधिकार का हनन : मंजीत हांसदा
टाटा कॉलेज छात्रसंघ के विश्वविद्यालय प्रतिनिधि मंजीत हांसदा ने कहा कि प्राचार्य द्वारा इस तरह की व्यवहार करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत महिला कॉलेज में पढ़ने वाले छात्राओं में से 80% विद्यार्थी गरीब पिछड़ा ग्रामीण आदिवासी बहुल क्षेत्र से आते हैं. बहुत सारी छात्राएं कॉलेज की समस्याएं छात्र प्रतिनिधियों के माध्यम से कॉलेज प्रशासन तक पहुंचाते हैं और इस तरह छात्र हित की मांगों को अनदेखा करना ? मौलिक अधिकार का हनन है. भारत का संविधान धारा 46 आदिवासी बहुल क्षेत्र में विशेष प्रबंध करने की वकालत करता है. लेकिन कॉलेज विद्यार्थियों को मौलिक सुविधा उपलब्ध कराने में असमर्थ है.
कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए जताया विरोध
पीजी विभाग छात्रसंघ अध्यक्ष सनातन पिंगुआ ने कहा कि छात्र प्रतिनिधियों की मांगों को अनदेखा करना सरासर गलत है. महिला कॉलेज एक ऐतिहासिक कॉलेज है. इसमें ग्रामीण इलाके के दूरदराज से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. विद्यार्थियों के लिए 1-1 रुपया बहुत मायने रखता है और फिर ऐसे में नामांकन फीस लगातार बढ़ोत्तरी करना छात्राओं पर आर्थिक बोझ बन जाता है. प्रवेश पत्र की राशि ज्यादा लिए जाने की शिकायत पर ही छात्र प्रतिनिधि प्राचार्या से मिलने पहुंचे थे, लेकिन प्राचार्या द्वारा छात्र संघ प्रतिनिधियों के साथ किया गया दुर्व्यवहार उचित नहीं है, इसकी वे कड़ी शब्दों में निंदा एवं विरोध करते हैं.