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ग्रामीण अंधेरे में रहने को विवश
इसकी ना तो उन्हें जानकारी है और ना ही इस संबंध में बताने वाला कोई है. जानकारी के अनुसार प्रखंड के अधिकांश सुदूरवर्ती गांव में सोलर पावर के माध्यम से काम किया गया था और विद्युत आपूर्ति कोई कंपनी के द्वारा एक योजना के तहत किया जा रहा था. कंपनी के काम खत्म होने के बाद विद्युत आपूर्ति भी खत्म हो गई. आज स्थिति यह है कि ग्रामीण अंधेरे में है और उनकी समस्या का निदान करने वाला कोई नहीं है. इसे भी पढ़ें :किरीबुरू">https://lagatar.in/kiriburu-saranda-farmers-engaged-in-farming-after-good-rains/">किरीबुरू: अच्छी बारिश होने के बाद खेती कार्य में जुटे सारंडा के किसान [wpse_comments_template]
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