Chaibasa (Sukesh kumar) : कोल्हान विश्वविद्यालय के पीजी विभाग के एचओडी को लगातार जनरल खरीदने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आदेश किया जा रहा है. लेकिन विभाग के एचओडी इस पर गंभीर नहीं हो रहे हैं. दो साल पूर्व ही जनरल और कई पुस्तक खरीदने को लेकर पैसों का भी आवंटन किया गया था. लेकिन उन पैसों से कुछ पुस्तकें तो खरीदी गई लेकिन विभाग में अलग से जनरल नहीं खरीदा गया. जबकि शोध करने वाले शोधार्थियों को अनिवार्य रूप से जनरल में अपने लेख का प्रकाशन करना तथा जनरल को अध्ययन करना अनिवार्य होता है. कोल्हान विश्वविद्यालय में अभी तक एक भी विभाग में जर्नल नहीं है. जिसके कारण विद्यार्थी परेशान हैं. जबकि यहां शोध करने वाले सैकड़ों विद्यार्थी है. सेंट्रल लाइब्रेरी जो पूरी तरह से डिजिटल है, वहां भी जनरल की अलग से व्यवस्था नहीं है. ना ही अलग से किसी तरह का फंड दिया जा रहा है. जिसके कारण यहां आने वाले शोधार्थी से लेकर विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. विद्यार्थी अपने निजी खर्च से ही जनरल खरीदते हैं. विश्वविद्यालय की ओर से किसी तरह की सुविधा नहीं दी जाती है. जबकि नियमानुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय के विभाग को जनरल खरीदना है. इसके लिए अलग से फंड भी निर्गत किया जाता है.
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जनरल की खरीदारी करने को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से कहा तो गया है. लेकिन अभी तक विभाग में जनरल नहीं खरीदी गई है. हालांकि कुछ माह पूर्व इसकी खरीदारी की गई थी. फिलहाल खरीदने पर विचार किया जा रहा है. आने वाले दिनों में साइंस विभाग में भी जनरल हो इसको लेकर प्रयास किया जा रहा है. विश्वविद्यालय में शोध करने वाले विद्यार्थियों को जनरल पढ़ना अनिवार्य होता है. जिसकी सुविधा जल्द ही दी जायेगी.
डॉ सरिता प्रसाद, डीन, साइंस, कोल्हन विश्वविद्यालय
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विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अलग से जनरल खरीदने को लेकर फंड निर्गत नहीं किया जाता है. जिसके कारण विभाग द्वारा खरीदारी नहीं हो पाती है. कंटीन्जेंसीज पैसे से खरीदने का आदेश होता है, लेकिन कंटीन्जेंसीज पैसा इतना नहीं होता है कि उससे खरीदारी की जा सके. विश्वविद्यालय जनरल के लिए अलग से सुविधा करें तो बेहतर होगा. लाइब्रेरी में इसको लेकर खरीदारी करनी चाहिए. लाइब्रेरी को ही इसकी जिम्मेदारी दे देनी चाहिए. उसके लिए अलग से फंड दिया जाए ताकि जनरल की खरीदारी हो सके.
डॉ राजेंद्र भारती, डीन, सोशल साइंस, कोल्हान विश्वविद्यालय
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