Chaibasa (Sukesh kumar) : जमीन माफियाओं द्वारा दूसरे की भूमि पर जबरन अवैध कब्जा करने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसका झारखंड पुनरूत्थान अभियान ने स्वागत किया है. अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने कहा है कि राज्य में आदिवासी मूलवासियों की जमीन पर लगातार अवैध कब्जा हो रहा है, इसकी स्थिति भयावह है. जब झारखंड में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की जमीन ही सुरक्षित न हो तो निरक्षर, निर्दोष आदिवासी मूलवासियों की जमीन कहां सुरक्षित रह पाएगी. झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, रांची के एसएसपी और लोअर बाजार थाना प्रभारी को प्रतिवादी बनाया है. इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को चीफ जस्टिस के निर्देश पर सक्षम अदालत में होगी. यह खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद आदिवासी मूलवासियों में अपनी जमीन बचने की उम्मीद जगने लगी है. झारखंड पुनरुत्थान अभियान ने हाईकोर्ट से मांग की है कि सभी प्रमंडल में आदिवासी मूलवासियों की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे पर मुख्य सचिव और गृह सचिव से जवाब मांगा जाए.
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