Chaibasa (Sukesh kumar) : राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित सात जिलों में ओबीसी समुदाय के आरक्षण को विलोपित कर दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा ओबीसी को न्यायोचित 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा जाना चाहिए. उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के सदस्य अधिवक्ता राजाराम गुप्ता ने कहीं. उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव में आरक्षण एवं ओबीसी समुदाय के हक अधिकार हेतु राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति अविलंब करायी जानी चाहिए. झारखंड सरकार द्वारा 17 मार्च 2023 को जारी की गई अधिसूचना को तत्काल लागू करने और ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने की ओर जल्द कार्रवाई करनी चाहिए. उक्त अधिसूचना के निर्णय के आलोक में विभागीय संकल्प के अनुरूप संशोधित जिला स्तरीय आरक्षण रोस्टर तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है. जिसमे पश्चिम सिंहभूम सहित खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, गुमला और दुमका जिले में ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया गया है. राज्य में ओबीसी की 55 प्रतिशत आबादी है. इसके बावजूद आरक्षण 14 प्रतिशत दिया जा रहा है. यह ओबीसी समुदाय के साथ घोर सौतेलापन है. राज्य में स्वतंत्र ओबीसी मंत्रालय का गठन किए जाने की नितांत आवश्यकता है.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : रुक-रुक कर हो रही वर्षा से रोरो नदी का जलस्तर बढ़ा