Chaibasa: जिले में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है. एसपी राकेश के निर्देश पर सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए चार एसएलआर राइफल और 527 कारतूस, नौ मैगजीन समेत कई अन्य सामान बरामद किया है.
शुक्रवार को संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डीआईजी अनुरंजन किस्पोट्टा और एसपी राकेश रंजन ने बताया कि यह सफलता तब मिली, जब पुलिस और सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कोल्हान-सारंडा क्षेत्र में एक विशेष अभियान चलाया.
एसपी ने आगे बताया कि 12 अगस्त को यह सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल और अन्य कमांडर स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए कोल्हान क्षेत्र में इकट्ठा हुए हैं.
सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई
एसपी ने बताया कि इस सूचना के बाद, 209 बटालियन कोबरा और चाईबासा पुलिस की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया. 13 अगस्त को गोईलकेरा थाना क्षेत्र के दुगुनिया, पोसैता और तुम्बागाड़ा के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ का रहने वाला माओवादी एरिया कमांडर अरुण उर्फ वरुण उर्फ नीलेश मदकम मारा गया. मुठभेड़ के बाद चलाए गए सर्च ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को भारी मात्रा में हथियार और अन्य सामान मिले हैं. जिनमें चार राइफल, 527 कारतूस और अन्य दैनिक उपयोग के सामान शामिल है.
पुलिस की नक्सलियों से अपील करें आत्मसमर्पण
एसपी ने कहा कि झारखंड पुलिस ने बचे हुए सभी नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने की अपील की है. पुलिस ने उन्हें झारखंड सरकार की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए कहा है. सरकार की नई नीति के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 24 घंटे के भीतर ओपन जेल में शिफ्ट किया जा सकेगा, जिससे उनके पुनर्वास की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी.
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