Chaibasa : देश की सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से पूरे देश के साथ-साथ पश्चिमी सिंहभूम के कला जगत में भी शोक की लहर है. कलाकरों के साथ सामजिक संगठनों और स्कूली बच्चों ने भी स्कूल के शिक्षकों के साथ उन्हें याद किया. सभी ने कहा कि एक सुरीले युग का अंत हो गया है. गायक परवेज आलम ने कहा कि एक ऐसे सुर का अंत हो गया जिसकी कभी भी भरपाई नहीं हो सकती है. वह सुरों की बेताज मल्लिका थीं. इप्टा की कलाकार शीतल बागे ने कहा कि जब तक संसार रहेगा सुरों की मल्लिका अपनी आवाज के द्वारा हम सभी के बीच जिन्दा रहेंगी. इसे भी पढ़ें : मझगांव">https://lagatar.in/mazgaon-villagers-furious-for-not-getting-ration-for-three-months-protested-against-dealer/">मझगांव
: तीन माह से राशन नहीं मिलने पर ग्रामीण हुए उग्र, डीलर के खिलाफ किया प्रदर्शन आज संसार में कितने ऐसे कलाकार हैं जो लता दीदी की गाए गीतों को गाकर जीविका चला रहे हैं. केपीसी मूवीज इंडिया के निर्देशक तिलक कुमार वर्मा ने नम आंखों से कहा कि लता दीदी का संसार छोड़ कर चले जाने से कला के क्षेत्र से जुटे हर कलाकार दुखी है. महिला कलाकार पूजा गोप ने कहा कि भारत रत्न से सम्मानित लता दीदी के हर गीत एक से बढ कर एक हैं. स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर रविवार को आदर्श नगरपालिका बंगला मध्य विद्यालय में एक मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. [wpse_comments_template]
चाईबासा : स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से जिले के कलाकरों में शोक

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